नर्मदा पुरम में सिंचाई व्यवस्था के लिए बने Khoripura Dam के जर्जर होने की खबरें आ रही है। मानसून में लबाबब भरा हुआ डैम सूखा पड़ा है।
Khoripura Dam में लीकेज
आज से 40 साल पहले नर्मदापुरम् में सिंचाई के लिए लाखों की कीमत से Khoripura Dam का निर्माण किया गया था। चालीस साल बाद भी अधिकारियों की लापरवाही से एक बार भी मरम्मत का काम नही किया गया, जिस वजह से डैम के ढ़हने का डर हो गया है। डैम में लीकेज से पानी के बर्बाद होने का खतरा पैदा हो गया है।
सिंचाई के लिए किसानों के लिए वरदान
40 साल पहले तालपुरा पंचायत में जब ये डैम बना तो किसानों की खुशी का ठिकाना नही था, पूरे फसल के सीजन उनके सिंचाई के व्यवस्था काफी अच्छी हो जाती है। पर हालत अभी ऐसी है की लीकेज की वजह से Khoripura Dam चार महीने में ही खाली हो जाता है।
केंद्रीय जल आयोग करवा रहा है सर्वे
केंद्रीय जल आयोग पूरे देश के डैमों का सर्वेक्षण करवा रहे हैं। पिघ्छले साथ मध्यप्रदेश में कारम डैम भी टूट गया था, जिससे सारा पानी बर्बाद हो गया था।
अब खोरीपुरा बांध जिसे 1981 में बंनाया गया था वो कभी भी टूट सकता है।
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जलसंसाधन विभाग ने इसकी जानकारी मिलते ही खोरीपुरा बांध का निरीक्षण करना शुरु किया। अपने तय फार्मेट के अनुसार पहले बांध को भरा गया फिर पाया गया कि खोरीपुरा डैम जोखिम की श्रेणी में मिस्टेक से रख दिया गया हैं। अब बांध की मरम्मत का आदेश दिया है। खतरे की कोई बात नही है।