बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल को कैसे पहचानें, इन दोनों मिसाइलों में क्या है मुख्य अंतर

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क्या आपको पता है

आज पूरे विश्व में बहुत सी दमदार विस्फोटक मिसाइलें मौजूद है लेकिन इन सभी मिसाइलों को मुख्य रूप से दो भाग में बाटा गया है जिसमे से एक है बैलिस्टिक मिसाइल और दूसरी है क्रूज मिसाइल। आपने बहुत बार समाचार में इन दो शब्दों का जिक्र होते हुए भी सुना होगा लेकिन क्या आपको मालूम है की इन दोनो में क्या अंतर है साथ ही आपको पता है ऐसे कौन से प्राचल हैं जो इन मिसाइलों को एक दूसरे से भिन्न बताते हैं अगर नही तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है

मिसाइल (Missile)

लैटिन शब्द मिटियर से लिया गया ये शब्द मिसाइल जिसका अर्थ है भेजना, इसे रॉकेट से प्रेषित होकर बनाया गया था। आज विश्व में कई प्रकार की मिसाइलें मौजूद है जिन्हें मुख्य तौर पे दो भागों में बाटा गया है
1) बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile)
2) क्रूज मिसाइल (Cruise Missile)

 

बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile)

इस प्रणाली के अंतर्गत ऐसी मिसाइल आती हैं जिसकी रेंज अधिक हो, जो अधिक ऊंचाई पे उड़ती हो साथ ही इन मिसाइलों के पथ अर्ध चंद्रकार होते हैं। ये मिसाइलें हवा, पानी या आकाश कहीं से भी अपना टारगेट लोग करने में समर्थ हैं। इन मिसाइलों की मारक क्षमता 5,000 से 10,000 किलोमीटर प्रति घंटा होती है । बैलिस्टिक मिसाइलें आकार में बड़ी होने के कारण लक्ष्य भेदने से पहले 3 भागों में टूटती हैं।

आकाश (Akash), आकाश – एनजी (Akash-NG), अमोघ (Amogh), अग्नि (Agni) इत्यादि बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रमुख उदाहरण हैं।

 

बैलिस्टिक मिसाइल को मुख्यतः 4 भागों में बांटा जाता है

1) शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल

इसके अंतर्गत आने वाली मिसाइलों की मारक क्षमता 300 से 1,000 किलोमीटर तक होती है।

2) मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल

इसके अंतर्गत आने वाली मिसाइलों की मारक क्षमता 1,000 से 3,500 किलोमीटर तक होती है।

3) इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल

इसके अंतर्गत आने वाली मिसाइलों की मारक क्षमता 3,500 से 5,500 किलोमीटर तक होती है।

4) इंटर कॉन्टिनेंटल रेंज बैलिस्टिक मिसाइल

इसके अंतर्गत आने वाली मिसाइलों की मारक क्षमता 5,500किलोमीटर से अधिक होती है।

क्रूज मिसाइल ( Cruise Missile)

इस प्रणालिके अंतर्गत ऐसी मिसाइलें आती हैं जिनका लक्ष्य पूर्व निर्धारित होता है लेकिन इसे पथ के दौरान नियंत्रित किया जा सकता है। इन मिसाइलों में jet इंजन का प्रयोग किया जाता है। ये मिसाइलें पृथ्वी की साथ से लगभग 15 से 20 मीटर की ऊंचाई पर ही उड़ती हैं। ये मिसाइलें अपने साथ कम वजन के बम बारूद ले जानें में सक्षम हैं।

निर्भय (Nirbhay), ब्रह्मोस (Brahmos) इत्यादि क्रूज मिसाइलों के प्रमुख उदाहरण हैं।

इन मिसाइलों के तीव्रता के आधार पर इन्हें मुख्यतः 3 भागों में बांटा जाता है

1) सब्सोनिक मिसाइल ( Subsonic Missile)
इन मिसाइलों की स्पीड 1 मैक से कम होती हैं।

2) सुपरसोनिक मिसाइल ( Supersonic Missile)
इन मिसाइलों के अंतर्गत ऐसी क्रूज मिसाइलें आती हैं जिनकी स्पीड 2 से 3 मैक तक होती है।

3) हाइपरसोनिक मिसाइल( Hypersonic Missile)
इन मिसाइलों के अंतर्गत ऐसी क्रूज मिसाइलें आती हैं जिनकी स्पीड 5 मैक या उससे अधिक तक होती है।