गुजरात चुनाव: इस बार भाजपा के सामने क्या होगी बड़ी चुनौती, आम आदमी पार्टी की क्या है रणनीति

    गुजरात विधानसभा में भाजपा के 111 सदस्य हैं। कांग्रेस के सदस्यों की संख्या फिलहाल घट कर 62 हो गई है। एक-एक सदस्य एनसीपी और भारतीय ट्राइबल पार्टी के हैं और एक निर्दलीय सदस्य है।

    इस चुनाव में भाजपा के सामने चुनौती

    अबकी बार गुजरात चुनाव में भाजपा के आगे न सिर्फ चुनाव जीतने की चुनौती होगी बल्कि कैसे पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन किया जा सकता है यह भी देखना होगा। पिछली बार पार्टी 99 सीट ही ला पाई थी। बाद में उपचुनावों और दलबदल के कारण यह आंकड़ा 111 तक पहुंच गया था।

    चित्र साभार:गूगल

     

    2024 के लोकसभा चुनाव में अब सिर्फ दो साल बचे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी इस चुनाव से निस्संदेह गृह राज्य में अपनी लोकप्रियता का झंडा पूरे भारत में फहराना चाहेंगे।

    आम आदमी पार्टी खेल रही है हिंदुत्व कार्ड 

    ऐसा कहा जा रहा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा कांग्रेस से ज्यादा आम आदमी पार्टी को अपनी चुनौती के रूप में देख रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आम आदमी पार्टी भाजपा के ‘हिन्दुत्व’ वाला कार्ड ही खेल रही है। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रमुख गोपाल इटालिया प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से आते हैं। वो हर प्रयास में लगे हैं कि पाटीदार वोट भाजपा की जगह आम आदमी पार्टी की झोली में आए।

    1995 में भाजपा ने जीती थी 121 सीट

    कई चुनावों में ऐसा आरोप लगता रहा है कि आम आदमी पार्टी भाजपा की ही बी टीम है। लेकिन इस बार के गुजरात चुनाव में तस्वीर अलग दिख रही है। ऐसे में गुजरात में 1995 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जो 121 सीटें जीती थीं। वो आंकड़ा गुजरात में भाजपा इस चुनाव में छू पाएगी या नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा।

    गुजरात में कांग्रेस के चुनाव हारने के बाद इसके कई विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। इस समय कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घट कर 62 रह गई है। एक-एक सदस्य एनसीपी और भारतीय ट्राइबल पार्टी के हैं। एक निर्दलीय सदस्य हैं।