भारत एक महान देश है और इसका इतिहास कई अजब-गजब किस्सों से भरा हुआ है लेकिन आज भी भारत देश में आश्चर्यजनक चीजों की कमी नहीं है. यहां पर आपको कोई ना कोई ऐसा किस्सा या जगह के बारे में सुनने को मिल ही जाता है जिसके बारे में जानकर आपको काफी हैरानी होगी. भारत में करीब 6 लाख गाँव है उसमें से कई गांव ऐसे भी है जिनकी अद्भुत खूबी के कारण हर कोई उन्हे एक बार देखना चाहता है. आज हम आपको इस वीडियो में ऐसे ही 5 अजब गजब गांव के बारे में बताएंगे.
1. यह कहानी है पंजाब के जलंदर शहर के एक गांव की लंबरा. इस गांव में लोगों की पहचान उनके घर पर बनी पानी की टंकी से होती है. अब आप सोच रहे होंगे की टंकियों में ऐसी क्या खास बात होती है. तो हम आपको बता दें कि यहां के घरों में आम वॉटर टैंक नहीं होता. बल्कि यहां पर शीप, हवाई-जहाज, घोड़ा, गुलाब, कार, बस जैसे आकार की अनेकों टंकियां है. इस गांव के अधिकतर लोग पैसे कमाने के लिए विदेश में रहते है. गांव में खासतौर पर NRI की कौठियों में छत पर इस तरह की टंकियां रखी है. अब कोठी पर रखी जाने वाली टंकियों से इन घरों की पहचान की जाती है. वहां के नामी परिवार अपने घरों पर तहर-तरह की टंकिया बनवा लेते है. कोई गुलाब का फूल बनवा का खुशहाली का संकेत देता है तो कोई घोड़ा बनवाकर रूबाबदार परिवार होने का संदेश देता है तो कोई शेर बनाकर अपनी बहादुरी को जाहिर करता है.
2. एक गांव ऐसा भी है जिसे जुड़वा का गांव कहते है. इस गांव में 350 से ज्यादा जुड़वा लोग यहां पर रहते है. केरल राज्य के मलबपुरम जिले के कोडणी गांव को जुड़वा की उपाधि मिली है. यहां पर आज भी करीब 360 जुड़वा लोग रहते है. इनमें नवजात शिशु से लेकर 60 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं. विश्व में हर एक हजार बच्चों में से चार जुड़वा बच्चे पैदा होते है. और एशिया में तो यह औसत 4 से भी कम है. लेकिन ताजुक की बात तो ये है कि कोडणी गांव में हर 1000 बच्चो में से 45 बच्चे जुड़वा पैदा होते है. हालांकि यह औसत पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर है लेकिन एशिया में पहले नंबर पर आता है. विश्व में पहला नंबर नाईजीरिया के इकबोरा का आता है. जहां का औसत 145 है. कोडणी गांव एक मुस्लिम बहुल गांव है इस गांव में आपको हर जगह हमशकल ही नजर आएंगे.
3. तीसरा गांव हिमाचल प्रदेश के कूल्लू जिले का मलाणा गांव है. इस गांव को आप भारत का सबसे ज्यादा रहस्यमयी गांव कह सकते है. इस गांव के निवासी खुद को सिकंदर के सैनिको का वंशज मानते है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां पर भारतीय कानून नहीं चलता है. इस गांव में अगर कोई बाहरी व्यक्ति किसी जगह को छू लेते है तो उसे जुर्माना भी देना पड़ता है. मालाणा में जगह-जगह पर इस जुर्माने की WARNING लिखी गई है.
4. इस गांव के लोग कभी भी दूध से बनी हुई चीजों को बेचते नहीं है बल्कि ऐसे लोगों को मुफ्त में दे देते है जिनके पास गाय या भैंस नहीं होती है. धोकड़वा. गुजरात के राज्य में बसा ऐसा ही एक गांव है. आज की इस आधुनिक युग में जब इंसानियत खो सी गई है. लोग किसी को पानी तक पूछना पसंद नहीं करते हैं. श्रवेत क्रांति के लिए प्रसिद्ध ये गांव दूध, दही ऐसे ही बांट देता है. इस गांव में रहने वाले एक पुजारी बताते है कि उन्हें एक महीने में करीब 7 हजार रूपये का दूध मुफ्त में मिल जाता है.
5. उत्तर प्रदेश में बसे इस गांव की खासियत की वजह से पूरे देश मे पहचाना जाता है. आप शायद इस गांव के बारे में ना जानते हो लेकिन विश्व के कौने-कौने में इस गांव ने अपनी पहचान बना ली है. सलारपुर खालसा, अमरोहा जनपद के जोया विकास खंड क्षेत्र का ये छोटा सा गांव है. 3500 की आबादी वाले इस गांव का नाम पूरे देश में छाया हुआ है और इसका कारण है टमाटर. इस गांव में टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर होती है. और इसकी वजह से बीते 17 सालों में टमाटर की खेती आस-पास के गांव सुंदरपुर, जमापुर और अंबेड़कर नगर में भी होने लगी है. देश का शायद ही ऐसा कोई कौना होगा जहां पर सलारपुर खालसा की जमीन पर लगा हुआ टमाटर ना जाता हो. गांव में 17 साल से चल रही टमाटर की खेती का क्षेत्रफल फैलता ही जा रहा है और अब मुरादाबाद मंडल में सबसे ज्यादा टमाटर की खेती इस गांव में होती है.