राजस्थान का वो मंदिर जहां जाने से इंसान बन जाते है पत्थर, जानिए पूरा क्या है पूरा रहस्य ?

रहस्य- एक ऐसा शब्द जिसे सुनकर आप उसके बारे सोचने पर मजबूर हो जाते है। इस बात से कोई इंकार नही कर सकता है कि आप किसी रहस्यमयी जगह के बारे में सुनते है तो आप उस स्थान के रहस्य के बारे में जानने के लिए अधिक उत्साहित हो जाते हैं. दुनिया भर में आपको हजारों रहस्यमयी स्थान मिल जायेगें, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताएंगे जहां शाम के बाद कोई नहीं जाता. जो व्यक्ति भी सूरज ढलने के बाद इस मंदिर में गया वह कभी वापस नहीं लौटा. आज आप जानेंगे उस मंदिर के बारे में जहाँ सूर्यास्त के बाद रूकने वाला व्यक्ति पत्थर की मूर्ति बन जाता है।

यह रहस्मयी मंदिर राजस्थान के बाडमेर जिले में स्थित है। इस रहस्मयी मंदिर का नाम है किराडू मंदिर। यहां पर्यटक तो काफी संख्या में आते हैं, लेकिन शाम ढलने से पहले ही यहां से लोग चले जाते हैं। कहा जाता है कि शाम होते ही ये मंदिर सुनसान हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी कोई व्यक्ति यहाँ शाम के बाद रूकता है वह हमेशा के लिए पत्थर बन जाता है, लेकिन आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है कोई इंसान पत्थर कैसे बन सकता है.

कहते हैं कि बारहवीं शताब्दी के आस-पास किसी समय में एक ऋषि अपने शिष्यों के साथ इस गाँव में आये थे. गाँव के लोगों ने ऋषि और उनके शिष्यों का खूब सत्कार किया. एक दिन साधु अकेले ही भ्रमण के लिए चले गये और उनके शिष्य गाँव में ही रह गये. कुछ समय के बाद किसी गंभीर महामारी के कारण उनके शिष्यों बीमार हो गये और उनकी हालत बिगड़ने लगी, लेकिन इस कठिन समय में कोई गांव वाला उनकी मदद को सामने नहीं आया. सिर्फ एक महिला ने उनकी सेवा की.

जब ऋषि भ्रमण करके वापस आए तो उन्होंने देखा कि उनके शिष्यों की स्थिति खराब हो रही है और वे समझ गए कि इस गांव में किसी ने भी उनके शिष्यों की मदद नहीं की है. जब उन्होंने इस परिस्थिति को देखा तो उन्हें क्रोध आया और उन्होंने पूरे गांव को श्राप दे दिया कि जिस प्रकार तुम सभी लोगों ने मेरे शिष्यों के साथ पत्थर हृदय जैसा व्यवहार किया है. मेरा श्राप है तुम सब भी सूर्यास्त के बाद पत्थर बन जाओ. साधु ने उस महिला से भी कहा कि तुम शाम से पहले ये गांव छोड़ देना औऱ पलटकर गाँव की तरफ मत देखना वरना तुम भी पत्थर की मूरत बन जाओगी. इसके बाद महात्मा ने अपने शिष्यों के साथ वह गांव छोड़ दिया. शाम को वह महिला भी गांव छोड़कर जाने लगी लेकिन उसे साधु की बात पर संदेह हुआ और उसने गांव की औऱ पलट कर देख लिया और वह वही पत्थर की मूरत बन गयी. जिसकी प्रतिमा आज भी इस गांव में देखने को मिलती है.

किराडू में देखने के लिए पांच मंदिर है जो खंडहर अवस्था में है। इनमें से एक मंदिर सोमेश्वर मंदिर और विष्णु मंदिर थोड़ा ठीक हालत में है। सोमेश्वर मंदिर के अंदर का भाग देखकर भारत के दक्षिण में स्थित मीनाक्षी मंदिर की याद दिलाता है और बाहर से खजुराहो के मंदिरों की झलक दिखती है। यहां पर 3 मंदिर और भी है जो लगभग खंडहर की स्थिति में है। आपको बता दें कि किराडू मंदिर को राजस्थान का खजुराहो कहा जाता है।