राजस्थान में इस समय सियासी हलचल तेज देखी जा रही है, जिसमें उप मुख्यमंत्री Sachin Pilot और अशोक गहलोत के बीच में एक बार फिर से तकरार हुई है। 25 दिसंबर को Sachin Pilot ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की थी। उसके बाद से ही विधायकों पर इस्तीफे का दबाव बनाया गया है और उन्होंने इसके लिए पार्टी स्तर पर जांच की भी मांग की है।
भाजपा विधायक देवनानी का बयान आया सामने
लेकिन एक बार फिर Sachin Pilot का बयान सामने आया है, जिसके बाद से सियासी हलचल तेज हो गई है वहीं बीजेपी इस मामले को लेकर वेट एंड वॉच की स्थिति में नजर आ रही है। बीजेपी से भाजपा विधायक देवनानी ने कहा है कि, इस अंतर्विरोध से कांग्रेसी पाताल में चली जाएगी जिस तरह से वह आपस में ही लड़ते हुए नजर आ रहे हैं इस तरह से वह कभी भी राजस्थान में जीत नहीं पाएंगे। साथ ही कहा कि बजट में चाहे कितनी ही घोषणा की जाए, लेकिन यह दोनों एक दूसरे को निपटाने में लगे हैं। इस समय कांग्रेस गिरती चली जा रही है, लेकिन किसी को कोई चिंता नहीं है।
कांग्रेस की गुटबाजी और बयानबाजी एक बार फिर सुर्खियों में बनी है। जैसे ही Sachin Pilot ने आलाकमान से जल्द कार्रवाई की बात कही है पायलट गुट फिर से दोबारा एक्टिव हो गया है और वह मीडिया से बात करते हुए नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग करते हुए दिखाई दे रही है।
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वहीं Sachin Pilot के समर्थक मीडिया में यह बात भी कह रहे हैं कि, चुनाव में सत्ता वापसी अगर चाहते हैं तो इसके लिए सिर्फ सचिन पायलट ही तारणहार है। उन्होंने कहा कि, राजस्थान कांग्रेसमें सचिन पायलट वर्किंग कैपिटल और गहलोत फिक्स डिपाजिट के रूप में माने जाते हैं। वहीं सत्ता में आने के लिए इस बार पायलट का सीएम बनना जरूरी है। तभी कांग्रेस एक बार फिर से सत्ता में आ सकती है और कांग्रेस दोबारा से राजस्थान में रिपीट हो सकती है।