Rajsthan में इस समय पेपर लिक की घटनाएं आम हो गई है। यहां पर एक भी परीक्षा सफल तरीके से आयोजित नहीं हो पा रही है, लेकिन अब भी पेपर लेकर की घटनाएं एक रहस्य बना हुआ है। ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां पर पेपर लेकर की घटनाएं आम हैं, लेकिन अब तक किसी तरह की कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई है।
5 साल में कितनी परीक्षाओ के हुए पेपर लीक
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी की ओर से जारी आकड़ो में बताय की, 21।1 प्रतिशत बेरोजगारी दर के राजस्थान मरुस्थलीय राज्य में बेरोजगारी सूचकांक में दूसरे स्थान पर पहुच चूका है। यहां पर बेरोजगारी रोजाना बढ़ती जा रही है।
आपको बता दें कि 2019 के बाद से अब तक यहां पर 3 बार पेपर लेकर की घटनाएं हुई है। इसे लगभग 40 लाख छात्रों का जीवन बर्बाद हुआ है। जांच के दौरान पुलिस अधिकारियों ने पाया कि लीक हुए प्रश्न पत्र 5 से 15 लाख रुपए में यहां पर बिक रहे हैं। वही एक मास्टरमाइंड भूपेंद्र शरण ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि, एक स्कूल शिक्षक से उन्होंने 40 लाख देकर प्रश्न पत्र खरीदा था, जिसे 5, 5 लाख में छात्रों को बेचा गया।
Rajsthan भारत के पेपर लीक राजधानी बनता जा रहा है
Rajsthan में 2011 से 2022 के बीच में अब तक 26 बार पेपर लीक जैसी घटनाएं हुई है और इनमें मामले दर्ज किए गए हैं। उनमें से 14 पिछले 4 वर्षों की रिपोर्ट में पाए गए हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि, राजस्थान में गहलोत सरकार के समय कितने पेपर लीक की घटनाएं हुई है। आज राजस्थान भारत के पेपर लीक राजधानी बनता जा रहा है। यहां पर किसी भी तरह की छोटी और बड़ी परीक्षाओं में पेपर लिखी घटनाएं आम हो गई है।
2019 में लाइब्रेरियन के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी, इसमें भी इसी तरह की चूक हुई थी, जिससे लगभग 55000 उम्मीदवारों का भविष्य प्रभावित हुआ था, जिन्होंने 700 रिक्त पदों के लिए आवेदन दिए थे और अपनी तैयारियां पूरी की थी। वही सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र भी 2021 में लिख हो गया था और बीकानेर पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था।
उसी महीने रीट-लेवल एक और दो परीक्षाओं के दौरान नकल को रोकने के लिए Rajsthan में इंटरनेट को भी बंद किया गया था। इस समय भी कई परीक्षाएं आयोजित हो रही, जिसके कारण इन्टरनेट को बंद रखा गया है, लेकिन इन हालातों पर काबू नहीं पाया जा रहा है।