इस बार Rajsthan में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और पिछले 5 सालों से सत्ता से दूर भाजपा इस बार अपना नेता प्रतिपक्ष चुनने में किसी तरह की कोई गलती नहीं करना चाहती है। गुलाब चंद कटारिया के बाद से ही Rajsthan में बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष के लिए काफी तरह के सियासी समीकरण जोड़ते और बिगड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस समय विधानसभा का सत्र भी चल रहा है, लेकिन अभी तक BJP द्वारा किसी नेता प्रतिपक्ष का नाम नहीं लिया गया है। उनका यह पद अभी खाली है, लेकिन इस पर बीजेपी तुरंत ही फैसला लेना चाहेगी। बताया जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष का पद आपसी खींचतान में इस में उलझता हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि भाजपा हाईकमान सियासी के साथ जाति समीकरण भी देखना चाह रही है। इस लिहाज से अब तक इनके सामने चार प्रमुख चेहरे सामने आए हैं।
राजपूत चेहरा
अब तक देखा जाए तो राजस्थान में राजपूत चेहरे ने काफी नेतृत्व किया है, जिसमें वसुंधरा राजे और भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री रह चुके हैं। ऐसे में एक बार फिर से राजपूत चेहरे पर भी बीजेपी दाव लगा सकती है। वही मौजूदा उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है।
जाट वोट बैंक
वही Rajsthan में जाट वोट बैंक को को देखा जाए तो उनका भी वोटबेंक काफी बड़ा है। ऐसे में भाजपा राज में जाटों को अच्छा प्रतिनिधित्व मिलता आ रहा है, जाट समाज से आने वाले जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाया, वहीं केंद्र में कैलाश चौधरी मंत्री हैं तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष भी जाट है। ऐसे में इस बार बीजेपी जाट के चेहरे पर भी दांव लगा सकती है।
दलित कार्ड
इस समय यह भी माना जा रहा है कि, भाजपा नेता प्रतिपक्ष के रूप में दलित कार्ड भी खेल सकती है। इस समय पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल का नाम भी सामने आ रहा है, वही दलित समाज से आने वाले अर्जुन राम मेघवाल भी केंद्र में मंत्री हैं, उन पर भी बीजेपी इस बार दाव लगा सकती है।
पद को खाली छोड़ सकती है
वही अगर किसी तरह से बीजेपी पार्टी में कोई सहमति ना बनती है तो भाजपा इस पद को खाली भी छोड़ सकती है और इस पर पार्टी में चल रहे आपसी मतभेद को बढ़ने से भी रोका जा सकता है।