Rajasthan Election
राजस्थान के विधानसभा चुनाव (Rajasthan Election) से पहले नेताओं की घर वापसी शुरू हो गई है। इस बीच 6 साल बाद सुभाष महारिया कांग्रेस का दामन छोड़कर एक फिर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। साथ ही पूर्व आईएएस पीआर मीणा, पूर्व आईपीएस रामदेव सिंह खैरवा, पूर्व आईपीएस गोपाल और डॉ. नरसी ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली है। प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सुभाष महारिया ने भाजपा का दामन थामा है।
मैंने कांग्रेस को सीकर की सभी सीटों पर विजय दिलवाई
बीजेपी में शामिल होने के बाद महारिया ने कहा कि फिर से अपने परिवार में वापस आकर काफी खुशी महसूस हो रही है। मैं बीजेपी कार्यकर्ता के रूप में काफी गर्व महसूस कर रहा हूं। ऐसे में पार्टी आलाकमान मुझे जहां भी जिम्मेदारी सौंपेगी उसे मैं अच्छे से निभाऊंगा। बता दें कि महारिया ने कांग्रेस से रिजाइन देते हुए कहा कि मैं कांग्रेस में शामिल होने के बाद जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से जुड़ा और काफी मेहनत की, इसका नतीजा ये हुआ कि सीकर लोकसभा की सभी आठ सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई और राजस्थान में उसकी बहुमत से सरकार बनी।
2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद नहीं हुई समीक्षा बैठक
उन्होंने आगे कहा कि मैंने राजस्थान के गांव-गांव में जाकर लोगों से संवाद किया और प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाने की कोशिश की कांग्रेस के घोषणापत्र में लिखे गए सभी वादे समय पर पूरे किए जाएंगे। लेकिन वर्तमान समय में सत्ता पर बैठी कांग्रेस उसको भुला चुकी बैठी है। महारिया ने अपने त्यागपत्र में आगे लिखा, वर्ष 2019 में हुए लोकसभा में चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन इसके बाद भी कोई समीक्षा बैठक नहीं बुलाई गई।
महारिया तीन बार जीते लोकसभा चुनाव
सुभाष महारिया वर्ष 1998, 1999 और 2004 में लोकसभा सदस्य के रूप में चुनकर आए। लेकिन महारिया साल 1996 में कांग्रेस के हरि सिंह से चुनाव हार गए थे। इसके अगल ही चुनाव में महारिया ने हरि सिंह को पटकनी दे दी और पहली बार वह लोकसभा के लिए चुनकर आए। 2014 में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था, वह इस बात से नाराज होकर 2016 में कांग्रेस में शामिल हो गए।