महिलाओ के योगदान को बताया अहम
राजस्थान में गुरुवार को Jal Jan Abhiyan की शुरुआत है नरेंद्र मोदी द्वारा की गई है। इस कार्यक्रम में मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों के साथ बैठक की और पीएम मोदी ने कहा है कि, इस अमृत कानून भारत भविष्य के रूप में पानी की ओर देख रहा है उनका कहना है कि, अगर जल रहेगा तभी आने वाला कल हमारा सुरक्षित रहेगा।
मोदी ने बताई पानी को लेकर गंभीर चिंता
इस दौरान पीएम मोदी ने संबोधन में जल संरक्षण को लेकर एक जन आंदोलन में बदलने पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि सभी लोगों को इस Jal Jan Abhiyan भागीदारी के इस प्रयास में नई ताकत देना होगा इससे जल संरक्षण अभियान की पहुंच को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने जल प्रदूषण को लेकर भी चिंता जाहिर की है, जिस तरह से आज देश भर में जल प्रदूषित हो रहा है, उसको लेकर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की है।
Jal Jan Abhiyan ऐसे समय में शुरू किया जा रहा है जब पूरी दुनिया में पानी की कमी को भविष्य संकट के रूप में देखा जा रहा है। यह बीजेपी सरकार की एक बड़ी पहल है इसके माध्यम से जल संरक्षण के बीजेपी का मुख्य कार्य होगा। पीएम मोदी ने बताया कि जल संरक्षण हमारे समाज की संस्कृति और हमारे सामाजिक सोच का भी केंद्र है।
मोदी जी ने “कैच द रेन कैंपेन” के बारे में भी बताया है, उनका कहना है कि भूमिगत जलस्तर में जिस तरह से गिरावट आ रही है, उस तरह से आने वाले समय में देश के लिए एक बड़ी चुनौती है। पीएम मोदी ने कहा कि अटल भूजल योजना के माध्यम से देश के हजारों ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में हमारी यह योजना पानी बचाने में काफी सुरक्षित है।
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इस जन संरक्षण में महिलाओं के योगदान को पीएम मोदी ने भी अहम बताया है। गांव की महिलाएं जल समितियों के माध्यम से जल जीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का नेतृत्व कर रही ,है जिससे ज्यादा से ज्यादा पानी बचाया जा सके।