Rajsthan: इस समय रायपुर में हुए कांग्रेस के 85वे राष्ट्रीय अधिवेशन में राजस्थान की राजनीति में भूचाल आते हुए देखा जा सकता है। इसी के साथ राजस्थान की राजनीति में भी कुछ बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। आपको बता दें कि, रायपुर में इस समय 3 दिन तक चले पार्टी के अधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित राहुल गांधी महासचिव प्रियंका गांधी और अन्य कांग्रेस के दिग्गज नेता शामिल हुए थे, जहां पर राजस्थान के Ashok Gehlot को किसी भी तरह से तवज्जो नहीं दी गई है।
कांग्रेस ने किया अशोक गहलोत को नजरंदाज
इस कार्यक्रम के दौरान सबसे ज्यादा चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कार्यक्रम में कई विधायक और संगठन के पदाधिकारी भी शामिल हुए थे वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के भाषण काफी चर्चा में रहा हैं। आपको बता दें कि इस अधिवेशन में राजस्थान के मुख्यमंत्री Ashok Gehlot को बोलने का किसी तरह से कोई मौका नहीं दिया गया है और ना ही उनके किसी अन्य अधिकारियों को यहां पर बोलने के लिए बुलाया गया, लेकिन कांग्रेसी आलाकमान ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी को यहां पर भाषण देने का मौका दिया है। रामेश्वर राजस्थान के एकमात्र ऐसे नेता रहे, जिन्हें इस अधिवेशन में बोलने का मौका दिया गया है।
कांग्रेस में रामेश्वर डूडी एक बार फिर से भूमिका में नजर आ सकते हैं
इस तरह से इस अधिवेशन में Ashok Gehlot को नजरंदाज करने के बाद अब सियासत और भी गरमाने लग गई है। वहीं लोगों का मानना है कि, इस बार प्रदेश सर कांग्रेस में रामेश्वर डूडी एक बार फिर से भूमिका में नजर आ सकते हैं। वर्ष 2013 के चुनाव में जो कांग्रेस को विपक्ष में आना पड़ा था, उस समय रामेश्वर डूडी नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में थे, लेकिन वह 2018 में चुनाव हारने के बाद पिछले 4 साल से कांग्रेस के निशाने पर थे, लेकिन इस बार फिर से लग रहा है कि कांग्रेसी गहलोत को छोड़कर उन्हें मौका दे सकती है।