Ujjain News
Ujjain News: श्री महाकाल महालोक से सप्तऋषियों की मूर्तियां हवा में उड़ने के बाद अब श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण से प्राचीन मंदिर गायब हो गया है। इस मंदिर के गायब होने की सूचना मिलते ही दर्शन करने आ रहे श्रद्धालु हैरान हो गए। इस मंदिर को किसने तोड़ा, मलबा कहां गायब हो गया अभी तक इन सवालों का किसी ने जवाब नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि बुधवार की शाम तक ये मंदिर अपनी जगह स्थापित था। लेकिन रातों-रात मंदिर कहां गया इस बात का पता नहीं चल पा रहा है।
मंदिर में भगवान के अलावा पार्वती और श्रीगणेश विराजमान
आपको बताते चलें कि उज्जैन के इस प्राचीन मंदिर को पशुनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है, यहां पर भगवान शिव के साथ मां पार्वती, श्रीगणेश और नंदी की प्रतिमाएं विराजमान थीं। लेकिन इस समय न तो ये मंदिर है और न ही भगवान शिव के साथ लगी मूर्तियां का कुछ पता है। प्रतिदिन जो भक्त पूजा करने के लिए मंदिर में प्रवेश करते थे, उन्होंने जब मंदिर की स्थिति देखी तो वह हैरान हो गए।
मंदिर टूटने पर पुजारियों में आक्रोश देखा गया
इस मंदिर को तोड़ने के बाद खास बात ये रही है कि इसमें से निकलने वाला मलबा कहां चला गया? प्राचीन पिलर, मंदिर की छत, आदि किसी का कुछ पता नहीं है। सभी को रातों-रात हटा दिया गया। इस मंदिर को तोड़ने के बाद वहां परम मौजूद पंडितों में भारी आक्रोश देखा गया है। अभी तक इस मामले में कोई भी जवाबदेही नहीं है। मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी भी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। इससे पता चल रहा है कि मंदिर तोड़ने का मामला प्रशासन के संज्ञान में हैं लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई जवाबदेह नहीं तय हो पाई है।
बजरंग दल ने की मंदिर तोड़ने की निंदा
बजरंग दल के संयोजक अंकित दूबे ने कहा कि प्रशासन की ओर से प्राचीन मंदिर तोड़ना बेहद निंदनीय है। दूबे ने आगे कहा कि मंदिर प्रशासन धीरे-धीरे प्राचीनतम को खत्म करने में लगी हुई है। जल्दी ही इस व्यवस्था को नहीं रोका गया तो इसके परिणाम काफी बुरे होंगे।