Shivraj Sarkar:
मध्यप्रदेश में एक प्राचार्य की घिनौनी करतूतों के चलले निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उसके ऊपर एफआईआर दर्ज भी कर ली गई है। प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Sarkar) ने इसको लेकर तत्काल ट्वीट कर कहा कि प्राचार्य के खिलाफ एक्शन हुआ है। साथ ही मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम, संभाग-सागर के प्रभारी, परियोजना इंजीनियर जनार्दन सिंह को भ्रष्टाचार सम्बन्धी पर्यवेक्षण कार्यों में लापरवाही के चलते तत्काल प्रभाव से भी निलंबित कर दिया।
सैकड़ों लड़कियों ने विधायक से कंप्लेंट की
सीएम शिवराज ने जिस प्राचार्य आरके वर्मा की निलंबन की सूचना दी है, वह कटनी जिले के बरही महाविद्यालय में पोस्टिंग है। अब यहां पर सैकड़ों की संख्या में लामबंद होकर प्राचार्य का विरोध किया और विधायक संजय पाठक से शिकायत कर प्राचार्य पर आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ सख्त से सख्त से एक्शन लेने की बात कही। छात्राओं ने बताया कि उनके प्राचार्य उन्हें गलत तरीके से छूते हैं और चेंजिंग रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे में कपड़े बदलते हुए देखते थे।
इस घटना से विधायक ने कलेक्टर को अवगत कराया
इस पूरी घटना को सुनने के बाद विधायक ने कलेक्टर अवि प्रसाद के पास जाकर इसकी जांच के लिए कहा और सीएम शिवराज सिंह को भी इस घटना से अवगत कराया। वहीं, दूसरी ओर शिवराज सिंह ने एमपी में पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रोजेक्ट इंजीनियर जनार्दन सिंह को भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। बता दें कि अभियंत्री पिछले 20 वर्ष से पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में नियुक्त थे। इंजीनियर के निलंबन का कारण असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा को बताया गया है।
मीणा की जांच में 232 गुना ज्यादा संपत्ति मिली
हेमा मीणा का पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन में सही तरीके से पर्यवेक्षण नहीं किया जाना बताया गया है, जनार्दन को हेमा मीणा का भी मददगार कहा जा रहा है। बता दें कि लोकायुक्त की कार्रवाई के दौरान हेमा मीणा के पास 232 गुना संपत्ति सामने आई थी, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। अब जांच में पता चला कि हेमा ने पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन से दो बार इस्तीफा दिया है, लेकिन अब सवाल उठता है कि उसको दो बार नियुक्ति कैसे मिली?