MADHYA PRADESH: पिछले चुनाव में कांग्रेस ने आदिवासी वोटों में सेंध मारी करते हुए अकेले 30 सीटें आदिवासी क्षेत्रों से जीती थी।इस बार भाजपा पिछली गलतियों से सबक लेते हुए आदिवासी समुदाय में विश्वास जगाने का काम शुरू कर दिया है।
रानी दुर्गावती के नाम पर होगा JABALPUR स्टेशन का नाम
मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की कुल आबादी 21 फीसदी के आसपास है। सूबे के 230 सीटों में 47 सीटें आदिवासी आरक्षित हैं। रानी दुर्गावती गोंडवाना साम्राज्य की एक आदिवासी रानी थीं। रानी दुर्गावती की वीरता के किस्सों पर मध्य प्रदेश के आम लोग और खासतौर पर आदिवासी समुदाय के लोग गर्व करते हैं।
दुर्गावती ने मुस्लिम आक्रमणकारी जो पड़ोसी राज्य भी थे ,उनको बार-बार युद्ध में परास्त किया। दुर्गावती बड़ी वीरांगना भी थी। उन्हे शेर का शिकार करना बहुत पसंद था। शेर का शिकार कर उसे मारने तक वो पानी भी नहीं पीती थीं।महारानी ने 16 वर्ष तक गोंडवाना का राज संभाला। आदिवासी लोकगीतों और कहानियों में उनकी वीरता के कई किस्से सुनाए जाते हैं।
JABALPUR सांसद राकेश सिंह ने की है नाम बदलने की मांग
जबलपुर के सांसद ने कहा कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम कमलापति रेलवे स्टेशन हो चुका है,मल्लापुरा का नाम मुरलीपुरा किया जा चुका है तो रानी दुर्गावती जिसका जन्म ही जबलपुर में हुआ है,उसके नाम से स्टेशन का नाम करना जबलपुर की जनभावना का सम्मान करना है।ये मांग जबलपुर की जनता का है,उनकी प्रिय बहादुर रानी के नाम पर स्टेशन का नाम हो।
बताते चलें कि मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है । राज्य में भाजपा और कांग्रेस दोनो 21 फीसदी आदिवासी वोटों को साधने में लगे हैं। पिछले महीनों आम आदमी पार्टी सभी विधानसभा और अभी जयस ने 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों से आदिवासी वोटों के बंटने की खबरे आ रही हैं।अब देखना दिलचस्प होगा की मध्यप्रदेश की आदिवासी जनता किसे अपने राज्य का प्रधान चुनती है।