भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में 7 मार्च 2017 हुए विस्फोट के छह साल बाद लखनऊ की स्पेशल NIA Court ने भोपाल-उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट मामले में 7 आतंकियों को सजा- ए -मौत सुनाई है। एक आरोपी को उम्र कैद की सजा हुई है। इस विस्फोट में दस लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
जाकिर नायक के तकदीरों से प्रभावित थे आतंकी:NIA Court
आज से छह साल पहले जकड़ी रेलवे स्टेशन पर ये धमाका हुआ तब ये विस्फोट इतना भयंकर था कि ट्रेन की सीलिंग उखड़ गई थी। लोगों ने ट्रेन के चेन पुलिंग से पहले ही ट्रेन से कुद कर जान बचाना चाहते थे। इस केस को जब NIA को सौंपा गया तब, आइएस का रतलाम मोड्यूल पकड़ में आया था। इन आतंकियों का हमले का एक मकसद सीरिया के अपने हैंडलर को प्रभावित करना भी था। इन आतंकियों में एक गौस मोहम्मद ने भारतीय वायु सेना में पंद्रह साल टेक्निकल विभाग में एयर मैन के पद पर काम भी किया था। आतंकियों में एक सैफुल्ला पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
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हमले में प्रयोग किए IED को उत्तरप्रदेश में भी प्लांट करना चाहते थे आतंकी
आतंकियों ने प्रतिबंधित जिलेटिन का प्रयोग विस्फोटक बनाने में किया किया था। बाद मे उन्होंने IED भी बनाई और उनमें से कुछ का टेस्ट भी किया था। इसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर आईडी लगाने की कोशिश भी की थी।आतंकवादियों की साजिश का खुलासा तब हुआ, जब कानपुर निवासी मोहम्मद फैसल को सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया। फैसल से पूछताछ के दौरान उससे मिली जानकारी के आधार पर उसके गौस मोहम्मद खान, अजहर और आसिफ को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। NIA के प्रवक्ता के मुताबिक, आतंकियो से बात करने बाद ये बात सामने आयी कि सारे आरोपी ISIS के सदस्य थे और वे इस्लामिक स्टेट का सपना देखते थे ।