विस्तार से जाने क्या है पूरा मामला
आपको बता दें की NHM MP स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था जिस मामले में पुलिस जांच में जुटी थी उसी मामले में पुलिस ने 3 मुख्य आरोपी पकड़ लिए हैं इसकी असल कहानी शुरू होती है 5 महीने पहले जिसे मास्टर माइंड राजीव नारायण मिश्र, आईटी एक्सपर्ट तरुणेश अरजरिया और पुष्कर पांडे के द्वारा बहुत ही बारीकी से सोच समझ कर रची गई थी। इस सजिस में इन लोगों ने MEL कंपनी के पूर्व कर्मचारी चिराग अग्रवाल को भी अपने बहकावे में ले लिया था और अपने साथ मिशन NHM MP कांड में शामिल कर लिया था।
सर्वर की लिंक, आईडी व पासवर्ड के लिए कंपनी में काम करने वालों को गैंग में शामिल किया
चिराग अग्रवाल के द्वारा कंपनी में काम करने वाले सर्वर की लिंक, आईडी व पासवर्ड के लिए दीपक मेवाड़ व रविन्द्र राठौर को प्लानिंग में शामिल किया गया। इन सब को तीन महीने पहले ही सर्वर लिंक व आईडी पासवर्ड मिल गया था फिर उसके बाद इन लोगों ने गैंग बनाकर काम करने को सोचा और पांच राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व बिहार के लोगों को अपने गैंग में शामिल किया अब इन सभी को मिलाकर 16 लोगों की गैंग बन गई थी इन लोगों की गैंग का सिर्फ एक मिशन था NHM MP नर्स भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करवाकर मध्यप्रदेश के सभी परीक्षार्थियों से 5 करोड़ रुपए कमाना।
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कैसे किया पेपर लीक
NHM MP स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा पेपर लीक करने के लिए चिराग अग्रवाल, दीपक मेवाड़, रवींद्र ठाकुर के द्वारा कंपनी के सर्वर को आउट किया गया था। दीपक व रवींद्र इसी कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट पर भोपाल व नोएडा में काम करते हैं।
7 फरवरी को सुबह 10 बजे और 3 बजे की पाली में होनी थी NHM MP स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा। दीपक मेवाड़ को लॉगिन आईडी और पासवर्ड मिल चुका था। दीपक की ड्यूटी भी भोपाल के एक परीक्षा सेंटर पर तकनीकी व्यवस्था के लिए कंपनी ने लगाई थी। दीपक ने मौका मिलते ही अपने काम में लगकर कंपनी के सर्वर में छेड़छाड़ कर के अनक्रिप्टेड फॉर्म में पेपर डाउनलोड कर लिया और अपने साथी चिराग अग्रवाल को तुरंत भेज दिया।