Shivraj Sarkar ने मंच से लगवाए थे धर्म की जीत के नारे
दरअसल आज मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पूर्व जनरल सेक्रेटरी दिग्विजय सिंह ने बयान दिया है कि वो हिन्दू को धर्म नहीं मानते, जिसके बाद से ही प्रदेश की सियासी गर्मी काफी तेजी से बढ़ते देखी जा रही है. इस दौरान मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा परशुराम जयंती के अवसर पर दिया गया बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें वो हिन्दू धर्म की जय जयकार करते हुए और पुजारियों के लिए कई बड़ी घोषणाएं करते नज़र आ रहे हैं.
Shivraj Sarkar ने पुजारियों को दिया अधिक सम्मान
इसी साल मध्यप्रदेश में विधान सभा चुनाव होने हैं जिसको लेकर सभी पार्टियां अपनी कमर कस्ते नज़र आ रही हैं. ऐसे में जहां कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज बयान दिया है की वो हिन्दुत्व को धर्म नहीं मानते, वहीं इसके उलट सत्तारूढ़ शिवराज सिंह चौहान एक के बाद एक जलकल्याणकारी नीतियों और योजनाओं का शिलान्यास करने के साथ साथ धर्म और उसके प्रचारकों के उत्थान हेतु कई बड़ी घोषणाएं कर चुके हैं. जैसे बीती परशुराम जयंती के अवसर पर उन्होंने पहले मंच से धर्म की जीत के नारे लगवाए और फिर सरकार द्वारा नियंत्रित की जा रही मंदिर की गतिविधियों पर रोक लगाने का ऐलान किया। यही नहीं इसके साथ ही उन्होंने ऐसे मंदिर जिनके साथ कोई भूमि या संपत्ति नहीं लगी है, उन मंदिरों के पुजारियों को 5 हजार रुपए प्रति माह मानदेय देने की घोषणा भी की है.
ऐसे मंदिर जहां ज़मीनें मंदिर से लगी नहीं हैं, उनके पुजारियों का मानदेय ₹5000 कर दिया जाएगा।
जिन मंदिरों की जमीनें हैं, वहाँ उसमें से ही मानदेय की व्यवस्था की जाएगी।
मंदिर की पूरी व्यवस्था पुजारी के हाथ में आनी चाहिए। सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा! #परशुराम_जयंती pic.twitter.com/jjxdkbASbu
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 3, 2022
मंदिरों की जमीन सरकार नही करेगी नीलाम
हमने फैसला किया है कि मंदिरों की गतिविधियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा। मंदिर की जमीनों को नीलाम कलेक्टर नहीं बल्कि पुजारी कर सकेंगे।
निजी मंदिरों के पुजारियों को भी सम्मानजनक मानदेय देने की व्यवस्था की जाएगी। pic.twitter.com/QiMMREi6MI
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 22, 2023
परशुराम जयंती के अवसर पर एक तरफ जहाँ उन्होंने पुजारियों को 5000 रुपये देने मानदेय देने की घोषणा की थी वहीँ दूसरी तरफ अपने बयान को आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा था कि किसी भी मंदिर की जमीन सरकार नीलाम नहीं करेगी। यदि जमीन नीलाम करेंगे तो पुजारी ही करेंगे। मंदिर की जमीनें न बिके, इस पर सुझाव के लिए समिति गठित की जाएगी जिसपर सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।