MADHYA PRADESH: सतना से 35 किमी दूर ऊंचेहार के धनिया गांव में स्थित भूतेश्वर महादेव नदियों की सात धाराओं के बीच स्थित है।यह महादेव का लिंग खुद ही प्रकट हुआ है ऐसी मान्यता है।
शाम को कोई नही जाता वहां, आती हैं ढोल नगाड़े जैसी आवाज
MADHYA PRADESH: महादेव का लिंग खुले आसमान में ऊंचेहार जंगलों के बीच बहती नदी के बीचो बीच धारा में स्थित है। वहां के लोगो ने नामकरण भूतेश्वर महादेव इसलिए किया कि वहां शाम को ऐसा लगता है कि कोई ढोल बजा रहा है।शाम को वहां अलग ही परालौकिक अनुभूति महसूस होती है।इसलिए लोगों की मान्यता है कि भूत पिशाच भगवान शिव के दूत हैं और वो खुद वहां भगवान के आस पास मौजूद हैं।इसलिए लोग शाम को वहां नही जाते।
वहां के स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि बहुत बार प्रतिष्ठित और पैसों वाले लोगों ने महादेव का मंदिर बनवाने का प्रयास किया पर कभी नदी के बढ़े जलस्तर ,तो कभी किसी अकास्मात स्थिति के वजह से ऐसा नही हो पाया,जिस कारण मंदिर का निर्माण पुरा नही हो पाया । ऐसा लगता था कि महादेव को नदी की बहती जलधारा ही पसन्द है , इसलिए देवअराधना के लिए जरुरी चीजों को बनवाकर महादेव भूतेश्वर को ऐसे ही खुले आसमान के नीचे पूजा की जाती है।