आकस्मिक परिस्थिति में CPR Training बचाएगी जान
CPR Training: कोविड के बाद पुरे देश में ह्दयघात के मामले तेज रफ्तार से बढ़ गए हैं।लोगों को जिम में एक्सरसाइज करते वक्त,टहलते वक्त, ट्रैफिक में या फिर कभी भी कही भी हार्ट अटैक आने की खबरे रोजाना सुनाई दे रही है। इस परिस्थिति से बचने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस ने नया अभियान शुरू किया है।
पुलिस ले रही है Cardiopulmonary resuscitation यानि CPR Training
मध्यप्रदेश में ग्वालियर एवं भोपाल पुलिस ने हाल में ही सीपीआर देकर दो जाने बचाई थी। विशेषज्ञों ने बताया कि CPR Training में मुख्यतः तीन भाग होते हैं।जिसमें पहले पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दिया जाता है। उसकी नाक और गला चेक कर ये सुनिश्चित किया जाता है कि उसे सांस लेने में कोई रुकावट तो नहीं है।
पीड़ित की जीभ अगर पलटने की स्थिति में उसे सही जगह पर उंगलियों की मदद से किया जाता है। सीपीआर के दुसरे चरण में पहले छाती को दबाया जाता है और फिर मुँह से सांस दी जाती है जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं। सीपीआर में दबाव और कृत्रिम सांस का एक खास अनुपात होता है।
30 बार छाती पर दबाव बनाया जाता है तो दो बार कृत्रिम साँस दी जाती है। छाती पर दबाव और कृत्रिम साँस देने का अनुपात 30 :02 का होना चाहिए। ये पंपिग वाली क्रिया लगभग 100 बार की जाती है।हाथों को भी विशेष एंगल पर रख कर छाती पर दबाव बनाया जाता है। मध्यप्रदेश पुलिस इस CPR Training को काफी गंभीरता से सीख रही है।
बढ़ गए हैं हार्टअटैक के मामले, रखिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान
डाक्टरों से बात करने पर उन्होंने बताया कि कम उम्र में हार्टअटैक के मामले बिगड़ी जीवनशैली, मद्दपान और धूम्रपान की वजह से है। अगर किसी को बीपी की समस्या है तो उसे अपने खान पान का ध्यान रखना है, साथ ही साथ दवा टाइम पर लेना है।
मध्यप्रदेश की पुलिस ने CPR Training लेना शुरू कर दिया है।उनका ये अभियान इमरजेंसी की अवस्था में काफी काम आने वाली है।साथ ही साथ सीपीआर की प्रैक्टिस हर व्यक्ति को करनी जरुरी है क्योंकि इस लापरवाही भरी दिनचर्या में दिल कभी भी कमजोर साबित हो सकता है।