85 साल के बुजुर्ग काट रहे थे दुष्कर्म की सजा,10 साल बाद निर्दोष साबित हुए :Madhya Pradesh Highcourt
Madhya Pradesh Highcourt की ग्वालियर बेंच ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए एक 85 साल के बुजुर्ग को बाइज्जत बरी किया है, जिसपर नाबालिग से दुष्कर्म के लिए पाक्सो एक्ट लगया गया था।
10 साल से जेल में थे रामरतन गोस्वामी, किरायेदार ने झगड़े में पाक्सो लगवा दिया
तकरीबन 10 साल पहले 2014 में रामरतन गोस्वामी ने सोचा नही था कि उसका किरायेदार एक मामूली झगड़े में उसपर अपनी बच्ची से दुष्कर्म का आरोप लगवा देगा। तब 75 साल के रामरतन की सुनवाई कहीं नही हुई और पुरे दस साल से वो जेल में बंद थे। स्पेशल कोर्ट ने उन्हे आजीवन कारावास की सजा सुना दी थी, जिसे अभी पलटते हुए Madhya Pradesh Highcourt ने रामरतन को बाइज्जत बरी कर दिया है।
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मामले में टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई में अभियुक्त का पक्ष ना सुनते हुए निचली अदालत की विशेष पीठ ने फैसला दिया था और दो हजार का जुर्माना लगाया था। ये पुरी तरह से गलत था। उस घटना में मामला भी देर से दर्ज किया गया था तथा कोई भी संतोषजनक कारण नही दिखाई दे रहा कि 85 वर्षीय बुजुर्ग को जेल में रखा जाए। इसलिए रामरतन गोस्वामी की सजा रद्द की जाती है।