MADHYA PRADESH: मुख्यमंत्री Shivraj Singh ने हाल में ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। ये मुलाकात लगभग दो घंटे चली थी। इसके बाद ही शिवराज सिंह के मंत्री मंडल में फेरबदल होने की संभावना दिख रही थी।
एंटी इनकंबेंसी का तोड़ निकालना है जरूरी
एक लंबे समय से शासन के बाद एंटी इनकंबेंसी का फायदा विपक्ष को जरुर मिलता है।पर Shivraj सिंह ये फायदा किसी को उठाने नही देना चाहते। इसलिए नए समाजिक समीकरण साधने के लिए इस मंत्रीमंडल में बदलाव को भाजपा जल्द से जल्द करना चाहती है।
मंत्रीमण्डल में मिलेगा नए चेहरों को मौका
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के लिए यह चुनाव बहुत ही मायने रखता है। एक लंबे समय से शासन के बाद एंटी इनकंबेंसी को दूर करना बहुत बड़ी चुनौती किसी भी सरकार के लिए होता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कुछ दिन पहले संघ प्रमुख से मिले थे।
मध्यप्रदेश मंत्रीमंडल में गुजरात की तरह ही चुनाव से पहले की गई फेरबदल की सुगबुगाहट की आहट आनी शुरू हो गई थी।फिर शिवराज सिंह जब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन मंत्री बीएल संतोष से मिले तब ये तय हो गया था कि मध्यदेश सरकार में अब तक का सबसे बड़ा फेरबदल होने जा रहा है । जिसके बाद खबर आयी कि 12 नए चेहरों को सरकार में शामिल किया जा सकता है और कई लोग वापस संगठन में जा रहे हैं, जहां वो आने वाले चुनाव की चुनौतियों को संभालेंगे।
वर्तमान में 122 विधायको में से Shivraj के अलावा 30 को मंत्री पद प्राप्त हैं। सामाजिक समीकरण के हिसाब से ब्राह्मण,राजपूत, ओबीसी, एसटी, एससी चेहरों के समीकरण को और व्यवस्थित करने की तैयारी चल रहा है, जिनसे मंत्री मंडल का विस्तार होना है। फिलहाल अंतिम फैसला की खबर आयी नही है । हो सकता है कि इस मंत्री मंडल विस्तार पर चर्चा के लिए एक दो दौर की बैठकें अभी और भी हो,जिसके बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार तय होगा।