मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले की Lahari Bai आज देश में सुर्खियों में है। आज प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी ने Lahari Bai को Guardians of Crop Diversity यानि श्रीअन्न का रक्षक कहा है।
बजट सत्र में निर्मला सीतारण ने मिलेट्स को कहा था श्रीअन्न
आपको बताते चले कि भारत इस साल अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स त्योहार को मनाने वाला है। मिलेट्स मुख्य मोटे अनाज को कहा जाता है जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू जैसे मुख्य अनाज हैं। दुनिया इसे सुपर फूड कहती है। भारत में हरित क्रांति के बाद ये सारे फसल धीरे धीरे कम उत्पादित होने लगे। Lahari Bai इन्ही फसलों के बीजों का भंडारण करती है। इन अनाजों में लगभग सभी महत्वपूर्ण तत्व विटामिन,फोलिक एसिड,प्रोटिन ,आयरन एवं मैग्नीशियम सबसे ज्यादा पाएं जाते हैं।
कच्चे मकान में रहने वाली Lahari Bai बारिश में प्लास्टिक से करती है इन बीजों की रक्षा।
नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र से इस साल को मोटे अनाज को समर्पित करने की अपील थी,उसके से ही देश में Lahari Bai की चर्चा है। Lahari Bai ने शादी नही की है, उन्होने अपना पुरा जीवन इन बीजों को उगाने और बचाने में लगा दिया।कुछ दिन पहले वहां के कलक्टर विकास मिश्रा ने भी कृषि विभाग को फटकार लगाते उन्हे Lahari Bai से सीखने की सलाह दी थी।
गांव वालों ने साथ नही दिया, पर हार नही मानी
आज से दो दशक पहले मध्य प्रदेश में एक तरह का प्रचलन अचानक बढ़ गया था, मोटे अनाजों और दलहनों के देशी किस्म और सोयाबीन की खेती कम कर अन्य फसलों पर विशेष ध्यान देने की। लहरी बाई 27 साल की हैं, बहुत छोटी उम्र से ही उन्हे पता है कि इन अनाजों में कितनी ताकत है। लहरी बाई गांव गांव जाकर मोटे अनाजों के बीज इकट्ठा करने लगी। फिर उसकी खेती कर उसे बचाने का काम शुरू किया। गांव वालों को जागरूक करने का भी प्रयास किया पर उस समय किसी ने साथ नही दिया। आज मध्यप्रदेश दुसरा सबसे ज्यादा मोटे अनाज उत्पादित करने वाला राज्य है। शिवराज सरकार के शासनकाल में इन अनाजों की खेती पर विशेष ध्यान दिया गया है।
आज पुरे देश, मध्यप्रदेश लोगों को लहरी बाई के मेहनत और लगन पर गर्व है।लहरी बाई ने अकेले अपने दम पर 150से ऊपर अनाजों के बीजों को संरक्षित करने का काम किया है।