कांग्रेस में रोज उठापटक का दौर जारी है। हर रोज ऐसी खबरे आती हैं जिसपे पार्टी को स्पष्टीकरण देना पड़ता है। हाल ही में Kamal Nath ने मीडिया के सामने कहा था कि चुनाव प्रभारी होने के नाते मध्यप्रदेश की हर विधानसभा सीटों पर मुझे ध्यान देना होगा, अगर मैं चुनाव लड़ा तो अपनी सीट पर ही उलझ जाऊंगा, इसलिए ये तय नही है कि मैं चुनाव लड़ूंगा या नही।
खबर फैलते ही आया खंडन
Kamal Nath के इस बयान के आते ही कांग्रेस पार्टी के तरफ से सफाई आनी शुरू हो गई। पार्टी के वरिष्ठ नेता सज्जन वर्मा ने कहा अभी मध्यप्रदेश कांग्रेस में Kamal Nath सबसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं। लंबे समय से यहां की राजनीति में पैर जमाएं हुए है। मध्यप्रदेश के आने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे, तो उनके चुनाव नहीं लड़ने की बात सही नही है।
जीतू पटवारी, अरूण यादव, अजय सिंह कर रहे हैं Kamal Nath का विरोध
बताते चले कि अजयसिंह और अरुण यादव को Kamal Nath के विरोधी गुट का माना जाता है, उन्होने कमलनाथ के मुख्यमंत्री का उम्मीदवार होने की बात से ही इंकार करते हुए बयान दिया था।जिसके बाद कांग्रेस की अंदरूनी कलह सबके सामने आ गई थी।वही कमलनाथ कहते हैं कि ऐसा कोई विवाद है ही नही।
पार्टी लाइन से अलग बयानबाजी से मल्लिकार्जुन खडगे नाराज
कमलनाथ इधर घुम घुम कर मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर बयान दे रहे कि उन्हें पद की लालसा नही है, वही उनके गुट के नेता सज्जन सिंह विजयलक्ष्मी साधो और पीसी शर्मा जैसे नेता उन्हे मुख्यमंत्री का चेहरा बता रहे। वही दिल्ली पार्टी हाईकमान वहां की गैर जरुरी बयानबाजी से बहुत नाराज है।
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अब देखना दिलचस्प होगा कि सज्जन सिंह पार्टी के जिस नेताओं की तरफ उंगली उठाते हुए उन्हे अपरिपक्व ठहरा रहे, वो अगला कदम क्या उठाते हैं। फिलहाल मध्यप्रदेश कांग्रेस कमलनाथ के चुनाव नही लड़ने वाले बयान के लीपा पोती में लगी है।