यह है खबर
आपको बात दें की मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले ही भाजपा ने बड़ा दांव खेल विपक्ष की सभी पार्टियों को सन्न कर दिया है. दरअसल आज बीजेपी ने बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व वित्त मंत्री और सीनियर नेता Jayant Malaiya के बेटे सिद्धार्थ मलैया का निलंबन खत्म कर पार्टी में वापस शामिल करा लिया है. सिर्फ यही नहीं सिद्धार्थ के साथ साथ उन पांच मंडल अध्यक्षों की भी पार्टी में वापसी हो गई है, जिन्हें सिद्धार्थ के साथ ही पार्टि से निलंबित कर दिया गया था.
Jayant Malaiya के बेटे सिद्धार्थ मलैया पर उपचुनाव 2021 में लिया गया था एक्शन
अगर बात करें Jayant Malaiya के बेटे सिद्धार्थ मलैया पर लिए गए एक्शन की तो बता दें की पार्टी द्वारा उपचुनाव 2021 में पार्टी ने मलैया परिवार को छोड़कर राहुल सिंह को दमोह से पार्टी प्रत्याशी बनाया था. हालांकि इस उपचुनाव में राहुल सिंह को कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने 17,000 वोटों से करारी शिकस्त दी थी. जिसके बाद राहुल सिंह मलैया परिवार पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का गंभीर आरोप लगाया था जिसके बाद पार्टी संगठन ने बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ नेता जयंत मलैया को नोटिस जारी किया था और उनके बेटे सिद्धार्थ और पांच मंडल अध्यक्षों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था.
दमोह क्षेत्र में बोलती है Jayant Malaiya की तूती
वहीँ अगर बात करें डिजाज नेता Jayant Malaiya की तो आपको बता दें की मध्यप्रदेश के दमोह में Jayant Malaiya के नाम की टूटी बोलती है. उन्हें दो बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा जिला दमोह में विशेष आमंत्रित सदस्य , प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के अध्यक्ष बनाया गया था. यही नहीं इसके साथ ही
27 अगस्त 2004 को मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। मलैया को 4 दिसंबर 2005 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में फिर से मंत्री के रूप में चुना गया और फिर 2013 में उन्हें चतुर्दश विधानसभा के लिए दमोह के सदस्य के रूप में चुना गया। जिसके बाद 21 दिसंबर 2013 को उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. ऐसे में निश्चित ही भाजपा द्वारा उनके बेटे के निलंबन को ख़त्म करने से भाजपा को दमोह क्षेत्र में बल मिलेगा।