जबलपुर नगरनिगम खुद को स्वच्छता में अग्रणी बनवाने में कमर कस लिया है। अप्रैल में स्वच्छता का राष्ट्रीय सर्वेक्षण होने वाला है,और इसके लिए उन्होने सबसे पहले शहर को कुड़ामुक्त करने का निर्णय लिया है।
62 कूड़ा घरों के चेहरे बदले,बन गए सार्वजनिक बैठने का स्थान
आने वाली राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण को देखते हुए सबसे पहले जबलपुर नगर निगम ने अस्थाई कूड़ा घरों को बंद करने का निर्णय लिया है। जबलपुर ने इसपर तेजी से काम करते हुए
62 कूड़ाघरों को आकर्षित करने वाले पेंटिंग से इतना संवार दिया है कि लोग वहां कूड़ा फेंकने से कतराने लगे हैं।साथ ही साथ वहां नगर निगम द्वारा उपलब्ध की गई कुर्सियां सुस्ताने और गप्पे हांकने का नया ठिकाना बनते जा रही हैं।बच्चे वहां खेलते भी दिख रहे हैं।कूड़ाघर के हटते ही उस जगह की सूरत ही बदल गई है।
मार्च से पहले बदल जाएगी जबलपुर की सूरत–जबलपुर नगरनिगम
स्वच्छता सर्वेक्षण की राष्ट्रीय टीम अप्रैल में जबलपुर आएगी।उससे पहले
जबलपुर नगरनिगम 30 से 40 जगहों को चिन्हित कर रही है,जहां सबसे ज्यादा कूड़ा लोग फेंकते हैं। नगर निगम का लक्ष्य है कि इन सभी जगहों को रंग रोगन करने के साथ खेलने के स्थान में भी परिवर्तित कर दिया जाएगा।इसके लिए इन सभी जगहों को पेंट किया जाएगा और हाइड्रोलिक सिस्टम वाले एक्सरसाइज मशीन भी लगाई जाएगी।साथ ही साथ गंदगी फेंकने पर एक हजार का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण में 9500 अंक निर्धारित हैं।जो स्वच्छता के अलग अलग श्रेणियों में दिए जाते हैं। जबलपुर ने जैसे कमर कस ली है खुद को स्वच्छ करने के लिए ,इस बार कड़ी प्रतिस्पर्धा होने वाली है।