आदिवासी गांव का है मामला : Conversion In MP
Conversion In MP मध्यप्रदेश के आदिवासी और गरीब आजकल ईसाई मिशनरियों के निशाने पे है। अपना एजेंडा वो इतनी चालाकी के साथ चला रहें हैं कि गांव वालों को भी भनक नहीं लगी। इसी मामले में पुलिस ने ईसाई पास्टर और उसके तीन साथियों को लोगों को बहलाफुसला कर धर्म परिवर्तन करने के लिए बाध्य करने के लिए गिरफ्तार किया है।
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सेना के जवान ने दी थी पुलिस को खबर
Conversion In MP: रातीबड़ पुलिस ने सोमवार को ईसाई पास्टर के गिरफ्तार करने के बाद बताया कि आरोपी हीरालाल जामोद पर पांच साल पहले भी धर्मांतरण करने का आरोप लग चुका है।पर उस समय पुलिस ने मामले को सुलझा दिया था। ईसाई धर्मगुरु लोगों को नौकरी, रुपये और बीमारी से ठीक करने का प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने का लोभ दे रहा था। सेना के जवान जिसकी बहन भी इसके झांसे में आ गई थी, उसके अपने भाई से बताने के बाद जवान ने पुलिस को खबर की थी।
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हीरालाला जामोद पर धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है। पुलिस जब उसके घर पर पहुंची तो बहुत सारे लोग उसके घर पर जमा थे। लोगों ने भी पुलिस को बताया कि यहां प्रेतबाधा, बीमारी और प्रेम वशीकरण का काम करने का दावा किया जाता है। गांव के लोगों ने शिकायत की कि ईसाई धर्मगुरु उन्हें पैसों का भी प्रलोभन देता है।
ग्राम ग्राम कैकाडिया के सरपंच डालचंद बंजारा ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की है। सरपंच का कहना है कि गांव में धर्मपरिवर्तन करने वालों का प्रवेश वर्जित कि बोर्ड भी लगा है, फिर भी बहुत चालाकी से अन्य आरोपी
गब्बर सिंह और रैम सिंह के साथ हीरालाल जामोद मतांतरण करवा रहा था।
आदिवासी महिलाओं को बनाता था निशाना
पांच साल पहले पुलिस से चेतावनी के बाद भी हीरालाल अपने धर्मांतरण के काम पर लगा हुआ था। मामले के भांडाफोड होने के बाद रातीबड़ पुलिस ने बताया कि आदिवासी भोली महिलाएं इसके झांसे में आसानी से आ जाती थी, उसे नौकरी, पैसे और प्रेम वशीकरण, गृहशांति का लालच देकर अपने प्रार्थना स्थल पर बुलाया था। हालांकि बहुत सारे लोग वापस हिन्दू धर्म में आ गए हैं ।
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हिरालाल जामोद के धर्मांतरण करने के पीछे इंदौर और भोपाल कलेक्शन भी सामने आए हैं। जिसकी छानबीन पुलिस कर रही है।