बालाघाट BJP Vidhayak Dhal Singh ने राहत की सांस ली है। जबलकोर्ट हाई कोर्ट उनके खिलाफ पूरे मामले को ही खारिज कर दिया है।
BJP Vidhayak Dhal Singh पर पैसे और इवीएम के दुरूपयोग का था आरोप
ढाल सिंह के खिलाफ बीएसपी के कंकर मुजारे (Kankar Mujare) ने जबलपुर हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी। बहुजन समाजवादी पार्टी के पिछले चुनाव में प्रत्याशी कंकर मुजारे आरोप लगाते हुए Dhal Singh पर ईवीएम से छेड़ छाड़ करने का आरोप लगाया था। साथ ही साथ पैसो का दुरूपयोग करके वोटों को प्रभावित करने की बात कही थी।
हाईकोर्ट में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नही कर पाए कंकर मुजारे
जबलपुर हाईकोर्ट की एकलपीठ में न्यायमूर्ति एस द्विवेदी ने कहा कि बिना साक्ष्य कोई व्यक्ति आरोपी नही हो जाता। आपने जो दुबारा चुनाव कराने की मांग की है वो निरस्त की जाती है और BJP Vidhayak Dhal Singh को उनके पद पर बने रहने का अधिकार है। ये पुरी याचिका निराधार है।
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हाई कोर्ट ने पांच साल की सजा पर लगाई रोक
कंकर ने निर्दलीय प्रत्याशी किशोर समरिते पर भी नामांकन पत्र में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया था, जिसपे उन्हे निचली अदालत में पांच साल की सजा हुई थी पर हाईकोर्ट ने उस सजा पर भी रोक लगाइ था। कोर्ट ने कहा कि समरिते को इतने कम वोट मिले थे चुनाव में कि उन्हें सजा देने का कोई कारण नही है। वो कभी चुनाव को प्रभावित करते नही दिखे।