छह साल बाद आज आने वाला है Bhopal – Ujjain पैसेंजर ब्लास्ट का फैसला
Bhopal – Ujjain पैसेंजर में ब्लास्ट की घटना के छह साल बाद फैसला आने वाला हैं। एनआइए ने इस ब्लास्ट केस में आठ आतंकियों को दोषी सिद्ध कर दिया है। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।आज मंगलवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एनआइए की स्पेशल कोर्ट आतंकियों को सजा सुना सकती है।
आज भी लोगों को याद है वो Bhopal – Ujjain बलास्ट का खूनी मंजर
7 मार्च 2017 की मध्यप्रदेश के Bhopal – Ujjain पैसेंजर ट्रेन में आतंकियों ने बम रखा था। जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास 9:38 बजे सुबह में ये विस्फोट हुआ जिसके बाद चारों और चीख पुकार का माहौल हो गया था आतंक का मंजर ये था कि लोग चलती ट्रेन से कूद कर भागने लगे थे किसी को चेन खींचने की सुध बुध नही थी विस्फोट इतना जोरदार था कि ट्रेन की सीलिंग उखड़ गई थी इस हमले में विस्फोटक के ठीक नीचे खड़ी महिला जिया कुशवाहा की एक उंगली उड़ गई तथा उनका मिस्कैरेज उसी क्षण हो गया। उनके साथ उनका एक बेटा भी मरते मरते बची थी जिया आज भी उस क्षण को याद नही करना चाहती अन्य घायलो की भी ऐसी ही दर्दनाक अनुभव है, जिन्हें याद कर उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं ।उस क्षण उसमें सवार यात्री बताते हैं कि धमाके के बाद ट्रेन 250 मीटर आगे जाकर रूकी थी। आतंकियों ने विस्फोट में इस्तेमाल पाइप पर इस्लामिक स्टेट, वी आर इन इंडिया भी लिखा था।
सीरिया के अलइसाबा ग्रुप से जुड़े थे तार,स्काइप फेसबुक पर मिलते थे निर्देश
केंद्र ने एनआइए को 14 मार्च को जांच सौपी थी । NIA ने अपने जांच में पाया कि ये आतंकी आइएस के माड्यूल पर काम कर रहे थे। इसका हैंडलर सीरिया में था तथा उर्दू में इनसे चैटिंग करता था। एनआइए ने बाद में Ats और अन्य एजेंसियों के सहयोग से मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश से मोहम्मद फैजल, गौस मोहम्मद खान, मोहम्मद अजहर, आतिफ मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, सैयद मीर हुसैन, आसिफ इकबाल रॉकी और मोहम्मद आतिफ ईरानी को गिरफ्तार किया। दानिश ने पुलिस इंटोरेगेशन में बताया कि वो आइएस के हैंडलर को इंप्रेस करना चाहता था कि वो बहुत बेहतर आतंकी हमले को अंजाम दे सकता है।
सीरिया भागने के फिराक में थे रतलाम माड्यूल के आइएस आतंकी
आतंकी हमले के आरोपी दानिश, आतिफ और मीर हुसैन को मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम की पिपरिया पुलिस ने घटना के कुछ ही घंटों बाद ही पकड़ लिया था । पिपरिया में पकड़े गए आतंकी सैयद मीर हुसैन, मोहम्मद दानिश और आतिफ मुजफ्फर विस्फोट से तीन महीने पहले सीरिया भागने की भी कोशिश की थी । वही एक आतंकी गौस मोहम्मद खान को इनके ही जानकारी देने के बाद यूपी से पकड़ा गया । वो लखनऊ-कानपुर आईएस खुरासान मॉड्यूल का मास्टरमाइंड था। उसने भारतीय एयरफोर्स से 15 साल सर्विस भी की थी। गौस मोहम्मद वर्ष 1978 से 1993 तक वह बतौर एयरमैन तैनात था। बाद में इस आतंकी घटना कि एक आरोपी आतंकी सैफुल्लाह मुठभेड़ में मारा गया था ।