जानिये रानी लक्ष्मीबाई के बारे में 10 अनसुने तथ्य

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी….कवियत्री सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित यह कविता हमने जरूर सुनी होगी। यह कविता हमारे दिल और दिमाग में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की एक छवि सहसा ही बना देती है। वही रानी लक्ष्मी बाई जिन्हें भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में अहम भूमिका निभाने के लिए याद किया जाता है। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते-लड़ते वह वीरांगना मात्र 23 साल की उम्र में वीरगति को प्राप्त हुई थी। आइए जानते हैं लक्ष्मीबाई के बारे में कुछ रोचक बातें।

चित्र साभार: गूगल

Table of Contents

रानी लक्ष्मीबाई से जुड़े 10 तथ्य 

1-   रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवंबर 1835 को वाराणसी उत्तर प्रदेश के भदैनी नामक एक नगर में हुआ था।

2-   रानी लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मणिकर्णिका था और लोग उन्हें प्यार से मनु कहकर बुलाया करते थे।

3-   विवाह के बाद उनका एक बेटा हुआ लेकिन चार माह बाद ही उसकी मृत्य हो गई। गंगाधर राव का स्वास्थय भी ठीक नहीं था, इसलिए उनकी सलाह के कारण रानी लक्ष्मीबाई ने एक बेटा गोद लिया। लक्ष्मीबाई ने गोद लिए बेटे का नाम दामोदर राव रखा।

4-   अंग्रेजो ने  अपनी ‘राज्य हड़प नीति’ का पालन करते हुए दामोदर राव को झांसी का उत्तराधिकारी मानने से मना कर दिया। जिसके बाद रानी लक्ष्मीबाई ने लंदन की अदालत में मुकदमा भी लड़ा। लेकिन अदालत ने वह मुकदमा खारिज कर दिया।

5-   रानी लक्ष्मीबाई की सुंदरता, चालाकी और वीरता में कोई तोड़ नहीं था और रानी लक्ष्मीबाई उस समय के विद्रोही नेताओं में सबसे ज्यादा खतरनाक थीं।

6-   रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजो का डटकर मुकाबला किया था। दोनो हाथो में तलवार लेकर घोड़े पर सवार होकर और पीठ पर बच्चे को बांधकर झांसी की रानी अंग्रेजी सरकार पर टूट पड़ी अंग्रेजी सेना उनके आगे कमजोर पड़ने लगी थी।

7-   1857 का विद्रहो रानी लक्ष्मीबाई झांसी से कर रहीं थीं और दूसरी ओर इसका जिम्मा लखनऊ से बेगम हजरत महल ने संभाल रक्खा था।

8-   रानी लक्ष्मीबाई के पिता एक साधारण ब्राह्मण थे जो अंतिम पेशवा बाजीराव द्वितीय के दरबार में अपनी सेवा दिया करते थे।

9-   बाजीराव द्वितीय रानी लक्ष्मीबाई को प्यार से छबीली नाम से बुलाया करते थे।

10-   झांसी के युद्ध के और रानी लक्ष्मी बाई के मृत्यु के तीन दिन बाद अंग्रेजों ने ग्वालियर पर कब्जा कर लिया था और उनके पिता को फांसी की सजा सुनाई थी