सुप्रीम कोर्ट हिजाब बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है। सप्रीम कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक हाईकोर्ट का फैसला लागू रहेगा, यानि की सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन लागू रहेगा।
आपस में एकमत नहीं दिखे सुप्रीम कोर्ट के जज
सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच ने कर्नाटक के विवादित हिजाब पर अलग अलग फैसला सुनाया। जज जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस हेमंत गुप्ता इस मुद्दे पर सहमत नहीं दिखें। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन के खिलाफ दायर याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए हिजाब पर प्रतिबन्ध को सही ठहराया जबकि जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन को जारी रखने का आदेश ख़ारिज कर दिया। अब इस मामले को चीफ जस्टिस के पास भेजा जायेगा, वो इसे बड़ी बेंच को सौपेंगे।
बड़ी बेंच के सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट हिजाब विवाद पर इन सवालों के जवाब खोजेगी…
क्या हिजाब इस्लाम का हिस्सा है?
क्या है अनुच्छेद 25 की सीमा?
निजता के अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सीमा क्या है?
हिजाब पर विवाद रह सकता है अभी जारी
5 फ़रवरी को कर्नाटक सरकार ने स्कूल कालेज में यूनिफार्म को अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था। इसके पहले जनवरी में 6 छात्राओं ने कर्नाटक के एक सरकारी कालेज में हिजाब पहन के प्रवेश करने के बाद सरकार ने ऐसा फैसला लिया था। कालेज प्रशासन ने हिजाब पहनने से मना किया था लेकिन वो फिर भी पहन कर आ गयीं थी। इसके बाद कर्नाटक से लेकर के पूरे देश में भर में हिजाब पर विवाद शुरू हो गया था। छात्राओं ने हाई कोर्ट पे याचिका दायर का हिजाब पे लगे बैन को हटाने का निवेदन किया था। लेकिन कोर्ट ने याचिका ख़ारिज कर दी थी। कोर्ट ने फैसले में कहा की की हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। फिर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी।