जाने पूरी खबर
आपको बता दें 10 साल पुराने मामले की सुनवाई करते हुए बीते शुक्रवार को बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा को आचार संघिता उल्लंघन करने के लिए लखनऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने हिरासत में लेने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं रीता बहुगुणा जोशी समेत राम सिंह, संजय यादव, मनोज चौरसिया और प्रभा श्रीवास्तव को 30 दिन के अंदर जिला प्रोबेशन अधिकारी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है।
क्या था केस
दरअसल आपको बता दें आज से 10 साल पहले साल 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ चुनाव अधिकारी की ओर से आचार संहिता के उल्लंघन हेतु मुकदमा दर्ज कराया गया था। चुनाव अधिकारी का दावा था की उन्होंने प्रचार खत्म होने के बाद भी प्रचार-प्रसार किया था।
रीता बहुगुणा जोशी
वहीं अगर बात करें रीता बहुगुणा जोशी की तो जब उनपर आरोप लगा था तब वे कांग्रेस पार्टी में थीं और 2008 में कांग्रेस समिति की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। पर इस समय वे भाजपा की सांसद हैं।