पीएम मोदी ने मानगढ़ धाम को किया राष्ट्रीय स्मारक घोषित, कहा- लाखों आदिवासियों के नायक थे गोविन्द गुरु

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजस्थान के बांसवाड़ा में स्थित मानगढ़ धाम में मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु की श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया है.

    राजस्थान के बाँसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी 

    राजस्थान के बांसवाड़ा जिले पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने आज मंगलवार को बड़ा एलान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मानगढ़ धाम में स्वतंत्रता सेनानी श्री गोविंद गुरु की श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही मोदी ने बड़ा एलान करते हुए मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक भी घोषित कर दिया है। मोदी ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ में सम्मिलित हुए। इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे।

    फाइल फोटो

    लाखों आदिवासियों के नायक थे गोविन्द गुरु

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गोविंद गुरु जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपराओं और आदर्शों के प्रतिनिधि थे। गुरु गोविंद किसी रियासत के राजा नहीं थे लेकिन वह लाखों आदिवासियों के नायक थे। अपनी जिंदगी में उन्होंने अपना परिवार खो दिया, लेकिन अपना हौसला कभी नहीं खोया।

    आदिवासियो की वीरता से भरा पड़ा है भारतीय इतिहास 

    प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि 17 नवंबर 1913 को मानगढ़ में जो नरसंहार हुआ वह अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पराकाष्ठा थी। दुनिया को गुलाम बनाने की सोच मानगढ़ की इस पहाड़ी पर अंग्रेजी हुकूमत ने 1500 से ज्यादा लोगों को घेरकर के उन्हें मार दिया था। आदिवासी समाज के इस बलिदान को इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए वह दुर्भाग्य से नहीं मिली। आज यह देश उस कमी को पूरा कर रहा है। भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं ही सकता है। हमारी आजादी की लड़ाई का पग-पग, इतिहास का पन्ना-पन्ना आदिवासियो की वीरता से भरा पड़ा है।

    समाज के विस्तार में आदिवासियों की भूमिका बड़ी 

    प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में आदिवासी समाज का विस्तार और भूमिका इतनी बड़ी है कि हमें उसके लिए समर्पित भाव से काम करने की जरूरत है। राजस्थान और गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर और उड़ीसा तक विविधता से भरे आदिवासी समाज की सेवा के लिए आज देश स्पष्ट नीति और ईमानदारी के साथ काम कर रहा है।