गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा भले न हुई हो लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां आदिवासी वोट बैंक को अपनी ओर साधने के प्रयास में काफी पहले से लग गई हैं। गुजरात जिसे भगवा प्रयोगशाला भी कहा जाता है उस राज्य में आदिवासी वोट की अहमियत बहुत ज्यादा है। गुजरात में कुल 14.7 फीसदी आदिवासी वोटर्स हैं जो किसी भी राजनीतिक पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में अहम रोल अदा कर सकते हैं।
लोकसभा चुनाव पर भी होगी भाजपा की नज़र
भाजपा ने तो आदिवासी वोट बैंक को साधने की कवायद शुरू भी कर दी है। भाजपा का उद्देश्य सिर्फ विधानसभा चुनाव जीतना ही नहीं बल्कि वो आगामी लोकसभा चुनाव से पहले आदिवासी समुदायों से अन्य राजनीतिक दलों की अपेक्षा अधिक जुड़ना चाहती है। भाजपा के हाल फिलहाल के कुछ निर्णय से यही साबित होता है।
लोकसभा चुनाव के आकडे भाजपा के लिए चिंता का विषय
भाजपा के लिए सबसे दुखद जिन आदिवासी बाहुल्य राज्यों की स्थिति रही हैं उसमे छत्तीसगढ़ और झारखंड का नाम है। भाजपा ने छत्तीसगढ़ जो की 30 फीसदी आदिवासी आबादी वाली है में 2018 विधानसभा चुनाव में 90 में से मात्र 14 सीटें जीती थीं तो वहीं झारखंड में जो 26 फीसदी आदिवासी आबादी वाला है 2019 लोकसभा चुनाव में 81 में से 26 सीटों पर ही भाजपा प्रत्याशी विजय दर्ज कर पाए थे।
1 नवम्बर को बांसवाड़ा में जनता को संबोधित करेंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 नवंबर को कई आदिवासी समुदायों के लिए धार्मिक महत्व रखने वाले स्थान बांसवाड़ा जिले में एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष इस रैली में मौजूद रहेंगे। भाजपा उन्हें मतदाताओं के गुट के रूप में जोड़ रही है।