1995 के बाद से भाजपा गुजरात में कभी चुनाव नहीं हारी है। अपनी पूरी ताकत लगाने के बाद भी कांग्रेस मोदी और अमित शाह के विजय रथ को नहीं रोक सकी है।
इटालिया ने दिया था विवादित बयान
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। इटालिया पाटीदार समाज से आते हैं इसलिए भाजपा ने उनके खिलाफ अपने कई बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है। कुछ दिन पहले इटालिया ने प्रधानमंत्री मोदी पे एक विवादित बयान दिया था जिसे खूब उछाला जा रहा है। गुजरात चुनाव में इस बार भाजपा और आम आदमी पार्टी पर सबकी निगाहें रहेंगी।
पटेलों की होगी अहम भूमिका
गुजरात में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पटेलों के अहम भूमिका रहती है, सभी पार्टियाँ इस समाज को अपनी तरफ खींचने की कोशिश करती हैं। इस बार भी आम आदमी पार्टी और भाजपा इसी प्रयास में लगी हुई हैं। दोनों पार्टियों ने ये तैयारियां कई महीने पहले ही शुरू कर दी है।भाजपा ने गुजरात में पाटीदार समीकरण को साधने के लिए पहले ही तरकीब लगा ली थी, सबसे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री को बदला गया था।
भाजपा का पाटीदार समीकरण
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेल।
चुनाव के पहले विजय रूपाणी की जगह पटेल बने मुख्यमंत्री।
मंत्रिमंडल में दी गई पाटीदार विधायकों को जगह।
आप नेता इटालिया का मोदी पे विवादित बयान।
निकाय चुनावों में रहा था आप का अच्छा प्रदर्शन
आम आदमी पार्टी भी इस बार गुजरात में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल गुजरात में कई रैलियां कर चुके हैं। उनका लक्ष्य मोदी के गढ़ में सेंध लगाने का है। आम आदमी पार्टी ने 2021 के निकाय चुनाव में 27 सीटें जीतकर सबको चौका दिया था। ये आम आदमी पार्टी के लिए गुजरात में बड़ा बूस्ट था। इन नतीजों के बाद केजरीवाल ने गुजरात में रोड शो भी किया था लेकिन पिछले 27 सालों से भाजपा गुजरात पर एकछत्र राज कर रही है। किसी भी पार्टी के लिए भाजपा को उसके गढ़ में हराना एक चक्रव्यूह के भेदने जैसा है।