दरिंदगी की सजा सिर्फ मौत I कोर्ट ने दी फांसी

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दरिंदगी की सजा मौत 

बीते एक दिसंबर को ग़ाज़ियाबाद के सहिबाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक एक ऐसी दरिंदगी सामने आई, जिससे एक बार फिर मानवता शर्मसार हो गयी लेकिन इस बार कोर्ट ने ऐसा फैसला सुनाया जिसके बाद आरोपी की आँख से आंसू निकलने लगे और वह कोर्ट रूम में ही जोर जोर से रोने लगा ।

65 दिनों की बहस के बाद मिली दरिंदगी की सजा

1 दिसम्बर २०२२ को नंदग्राम में रहने वाले सोनू गुप्ता 4 साल की एक बच्ची को बहला फुसला कर अपने साथ ले गया। जहाँ उसने पहले तो 4 साल की मासूम के साथ दरिंदगी की। उसके बाद उसने बच्ची के मुंह में कपडा ठूंस कर उसे मौत के घात उतार दिया। सोनू गुप्ता ने इस वारदात को अंजाम देने के बाद लाश को सिटी फॉरेस्ट में फेंक दिया।
यह मामला स्पेशल पास्को कोर्ट में गया जहाँ पर 65 दिनों की लम्बी बहस के बाद बीते शनिवार को उसे फांसी की सजा सुना दी गयी।

लोक अभियोजक ने की थी फांसी की मांग 

सूत्रों की माने तो विशेष लोक अभियोजक ने आरोपी के लिए फांसी की मांग की थी। 65 दिनों की लम्बी बहस में उन्होंने बार बार इस बात की ज़िक्र किया की 4 साल की मासूम के साथ दरिंदगी की गयी उसके लिए फांसी से कम कोई भी सजा मान्य नहीं हो सकती।

देना होगा जुर्माना भी 

बीते शनिवार को स्पेशल पास्को कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए आरोपी सोनू गुप्ता को फांसी की सजा के साथ 20 हज़ार रुपये जुर्माना देने का फैसला किया।
बता दें की सोनू गुप्ता की पहचान CCTV Footage के आधार पर की गयी थी| जिसके बाद साहिबाबाद थाने की पुलिस हरकत में आई।आरोपी सोनू गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद मामला कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने 65 दिनों की सुनवाई के बाद आरोपी सोनू गुप्ता को फांसी की सजा के साथ २० हज़ार रूपये जुर्माना करार किया।