प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार , 8 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत के G-20 प्रेसीडेंसी के लोगो, थीम और वेबसाइट का उदघाटन किया. इसी के साथ भारत ने G20 में शामिल देशों और अतिथि के तौर पर आने वाले अन्य देशों को भी अपनी तैयारियों का टीजर दे दिया है।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 1 दिसंबर से भारत G-20 की अध्यक्षता करेगा. भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है. लोगो में कमल का फूल पौराणिक धरोहर को बताता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “G-20 इंडिया का लोगो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का प्रतिनिधित्व करता है. G-20 का ये लोगो केवल एक प्रतीक चिन्ह नहीं है. ये एक संदेश है, ये एक भावना है, जो हमारी रगों में है. ये एक संकल्प है जो हमारी सोच में शामिल रहा है. इस लोगो और थीम के जरिए हमने एक संदेश दिया है. युद्ध से मुक्ति के लिए बुद्ध के जो संदेश हैं हिंसा के प्रतिरोध में महात्मा गांधी के जो समाधान हैं. G-20 के जरिए भारत उनकी वैश्विक प्रतिष्ठा को नई ऊर्जा दे रहा. G-20 लोगो में कमल का प्रतीक आशा का प्रतिनिधित्व करता है.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि विश्व में कोई भी फर्स्ट वर्ल्ड या थर्ड वर्ल्ड न हो, बल्कि केवल वन वर्ल्ड हो. भारत ने वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड के मंत्र के साथ विश्व में अक्षय ऊर्जा क्रांति का आह्वान किया है. भारत ने वन अर्थ, वन हेल्थ के मंत्र के साथ वैश्विक स्वास्थ्य को मजबूत करने का अभियान शुरू किया है.
लेकिन कोई मुद्दा उठे और उसपर वार पलटवार न हो, ऐसा कैसे हो सकता है?
दरअसल, मोदी का ये कदम विपक्षो को रास नहीं आई, G-20 के लोगो में कमल शामिल किए जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. इतना ही नहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और पीएम मोदी खुद का प्रचार करने का कोई मौका नहीं छोड़ते. वहीं,कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लोगो में कमल के निशान को शामिल करने पर सवाल उठाए. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 70 साल पहले नेहरू ने कांग्रेस के झंडे को भारत का झंडा बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. लेकिन अब बीजेपी का चुनावी निशान भारत की अध्यक्षता में हो रहे G20 का आधिकारिक लोगो बन गया है! यह चौंकाने वाला है. हमने अभी तक देखा है कि पीएम मोदी और भाजपा बेशर्मी से खुद को प्रमोट करने का कोई मौका नहीं गंवाती.