‘दवा के पर्चे पर Rx के बजाए ‘श्री हरि’ लिखें। दवाई का नाम क्रोसिन लिखना है, तो क्रोसिन हिंदी में भी लिखा जा सकता है। उसमें क्या दिक्कत है.? ऊपर ‘श्री हरि’ लिखो..और क्रोसिन लिख दो।’
ये सलाह मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान ने डॉक्टरों को दी है। वो शनिवार को भारत भवन में आयोजित हिंदी विमर्श कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने डॉक्टरों से कहा- यहां जो डॉक्टर मित्र बैठे हैं, वो अच्छा तरीका निकालेंगे।
सीएम ने मजाकिया अंदाज में कहा- दवाई के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते? जब हिंदी भाषा घर-घर पहुंचेगी, तब अंग्रेजी की चुड़ैल उतरेगी।
हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई की बात सुन लोग हंसे थे
CM ने कहा- जब मैंने पहली बार कहा कि मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में होगी, तो लोग हंस रहे थे। कुछ पीछे मुंह करके कह रहे थे इंस्पॉसिबल..। हमने कहा असंभव शब्द हमारे शब्दकोष में नहीं है। यह सामाजिक क्रांति है। कुछ भी असंभव नहीं है। अब हमने करके भी दिखा दिया है।
जिनका बोर्ड हिंदी में नहीं, उनका लाइसेंस निरस्त हो
रघुनंदन शर्मा ने कहा- ‘राजधानी में सभी बोर्ड, दुकान, संस्थान के नाम हिन्दी में होने चाहिए। ऐसा न करने वालों के लाइसेंस निरस्त कर देना चाहिए। एक व्यक्ति ने उदाहरण दिया- जो व्यापार करते हैं, उनकी मातृभाषा हिंदी नहीं है, लेकिन 90 % बोर्ड हिंदी में लगे हैं। हमारे भोपाल के नए बाजार (न्यू मार्केट) में 100% बोर्ड अंग्रेजी में लगे हैं। ओडिशा में ये नियम है कि जो उड़िया में नाम पटिट्का नहीं लगाता, उसका लाइसेंस निरस्त तो होता ही है, दंड का भी प्रावधान है।
तमिलनाडु, महाराष्ट्र में ऐसा ही प्रावधान है। ये तो हिन्दी भाषी प्रदेश है, यहां अंग्रेजी का बोलबाला है, तो पीड़ा तो होती है। मैंने मेरी बहुओं का विरोध मोल लेकर पोते-पोतियों को अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों में भर्ती नहीं होने दिया।
हिंदी में मेडिकल की किताबें लॉन्च करेंगे अमित शाह
यूक्रेन, रूस, जापान, चीन, किर्गिस्तान और फिलीपींस जैसे देशों की तरह अब भारत में भी मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में होगी। देश में इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश से हो रही है। प्रदेश के 97 डॉक्टरों की टीम ने 4 महीने में रात-दिन काम कर अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है।