गुजरात विधानसभा चुनाव 32 साल बाद किसी तीसरी मजबूत हस्ती की मौजूदगी में हो रहा है। 1990 में जनता दल ने त्रिकोण बनाया था। इस बार आम आदमी पार्टी , अरविंद केजरीवाल की पार्टी युवाओं पर फोकस कर रही है। ये पार्टी के अहमदाबाद दफ्तर में घुसते ही पता चल जाता है। एक तरफ फायर ब्रांड यूथ लीडर युवराज सिंह जडेजा कार्यकर्ताओं और प्रेस वालों से मिल रहे हैं तो दूसरी ओर बीस से ज्यादा युवा उत्साही गुजरात के अलग-अलग हिस्सों से को-ऑर्डिनेशन का काम देख रहे हैं। चाय और लस्सी पिलाई जा रही है। इसी बीच माहौल थोड़ा गर्म होने लगता है। दफ्तर के अहाते पर 10-20 की संख्या में लोग अपील करने लगते हैं। हमारी सुनिए। हम दूर से आए हैं। उनके गले में आप की पीली पट्टी भी है। जब बात निकली तो पता चलता है कि ये सारे आम आदमी पार्टी के टिकट बंटवारे से गुस्से में हैं। ये सभी लोग उत्तरी गुजरात के साबरकांठा और अरवल्ली जिले से आए हैं।
हमने जैसे ही माइक निकाला, इस शख्स ने कहा – इडर विधानसभा से हैं और वहां से जो कैंडिडेट दिया है वो जीत नहीं सकता। जयंतीभाई प्रणामी को टिकट दिया है जो किसी हाल में जीत नहीं सकता। लोकल ही वहां जीतेगा। साबरकांठा में हंसमुखभाई कपड़िया, पराग परमार, कमलेशभाई परमार है जो रेस में थे। लेकिन इनके बदले प्रणामी को टिकट दे दिया। हम वहां की सीट गंवा रहे हैं। हमको चिंता है पार्टी के बारे में और पार्टी सोचती नहीं है हमारे बारे में। इसलिए हम मांग करते हैं कि यहां से टिकट बदला जाए।