72 Hoorain Controversy Update
संजय पूरण सिंह चौहान के निर्देश में बनी फ़िल्म रिलीज़ के बाद से ही विवादों में घिर चुकी है. एक तरफ जहां निर्देशक इसको आतंकवाद और जिहादी गतिविधियों पर निशाना साधने की कोशिश कह रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ मुस्लिम अनुयायी इसे मुसलमानों के धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी करार देते हुए बैन की मांग कर रहे हैं.
स्कॉलर्स बोले- 72 हूरें वेस्टर्न राइटर्स की दिमागी उपज
बता दें कि फ़िल्म में दिखया गया है कि कैसे जन्नत में 72 हूरें मिलने का लालच दिखाकर नौजवानों को आतंकी और जिहाद की भट्टी में जलने के लिए छोड़ दिया जाता है. हालांकि कुछ मुस्लिम मुस्लिम स्कॉलर्स जन्नत में मिलने वाली हूरों की संख्या को लेकर इस मूवी को प्रोपेगंडा बता रहे हैं. स्कॉलर्स की मानें तो कुरान में हूरों का जिक्र तो मिलता है, लेकिन उनकी संख्या को लेकर कोई बात नहीं कही गयी है. स्च्लोअर्स ने बताया कि 72 हूरें वेस्टर्न राइटर्स की दिमागी उपज है के अतिरिक्त और कुछ नहीं है.
‘मुसलमान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा’- सपा सांसद
इस फ़िल्म को लेकर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि “इस तरह की “फिल्में लाकर मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप किया जा रहा है. उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि मुसलमानों के धार्मिक मामलों में किसी भी तरह की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.” हालंकि इस दौरनां उन्होंने यह भी दवा किया कि “अच्छे आमाल से जन्नत में हूरें मिलने का जिक्र है, लेकिन किस तरह मिलेंगी इसका कोई विवरण नहीं है. इस तरह की फिल्में मुसलमानों के मजहब में खुल्लमखुल्ला दखलंदाजी है और मुसलमान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा.”