इंडस्ट्री में अहसास कराया गया कि मैं मोटी हूं: बॉडी शेमिंग पर ‘फोर मोर शॉट्स’ की मानवी गागरू का छलका दर्द

फोर मोर शॉट्स प्लीज की सिद्धि हो या ट्रिपलिंग की चंचल, या फिर शुभ मंगल ज्यादा सावधान की गॉगल, ऐक्ट्रेस मानवी गागरू ने हर किरदार में अपने अभिनय की छाप छोड़ी है। जल्द ही उनकी दो चर्चित सीरीज ट्रिपलिंग और फोर मोर शॉट्स प्लीज का तीसरा सीजन स्ट्रीम होने जा रहा है। इसी सिलसिले में हमने मानवी से की खास बातचीत की। जहां उन्होंने बॉडी शेमिंग से लेकर रोड ट्रिप जैसे विषय पर खुलकर बात की।

ट्रिपलिंग तीन भाई-बहनों के रोमांचक रोड ट्रिप की कहानी रही है। इस बार क्या नया या अलग अनुभव रहा?
जैसा हमने ट्रेलर में देखा कि इस बार कहानी पैरंट्स की है। इस बार कहानी के नायक वे हैं और हम लोग उनकी कहानी को रिएक्ट कर रहे हैं। वो नई चीज है। दूसरी नई बात ये है कि आम तौर पर बच्चे कोई फैसला लेते हैं, जिस पर मां-बाप बोलते हैं कि लोग क्या कहेंगे, हम सोसायटी में क्या मुंह दिखाएंगे वगैरह, पर यहां उल्टा हो रहा है। मां-बाप अलग होने का फैसला लेते हैं, जिस पर बच्चे अपने पैरंट्स को बोलते हैं कि हम अपने दोस्तों को क्या बोलेंगे? आप ऐसे नहीं कर सकते, ऐसा क्यों कर रहे हो? तो ये एक मजेदार उलटफेर है कि बच्चे पैरंट्स बन गए हैं और पैरंट्स बच्चे बन गए हैं।

दिल्ली के साउथ एक्स की लड़की से मुंबई की कूल ऐक्ट्रेस तक की अपनी जर्नी को आप कैसे देखती हैं? इस सफर में खुद में कितना बदलाव पाती हैं?
मुझे तो कभी-कभी यकीन नहीं होता कि ये वही लड़की है, जो वहां से यहां तक आ गई है (हंसती हैं)। वैसे, मुझे खुद को तो यही लगता है कि मैं वैसी ही हूं। वैसे, बदलाव जरूर आया है, क्योंकि हम बड़े तो हो ही रहे हैं। मुझे लगता है कि मैं कोरोना महामारी के बाद काफी बदली हूं, क्योंकि दोनों लॉकडाउन में मैं यहां पर अकेली थी, मुझे खुद के साथ वक्त बिताने को मिला, तो एक ठहराव आ गया है जिंदगी में। ऐसे हो गया है कि ठीक है यार, इतनी भागदौड़ की जरूरत नहीं है। आप अपना काम ईमानदारी और मेहनत से करो, बाकी हो जाएगा। हम इतना जो परेशान रहते हैं कि ये नहीं हुआ, वो नहीं हुआ, उसकी जरूरत नहीं है क्योंकि अस्सी प्रतिशत चीजें जिनके लिए हम परेशान होते रहते हैं, वो हमारे हाथ में होती नहीं हैं। हम सिर्फ अपना खून जला रहे होते हैं। इसलिए, इंजॉय करो, आराम से रहो।