Yamuna Expressway
Yamuna Expressway: उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे की टोल प्लाजा वसूली की अवधि को करीब 15 साल तक बढ़ाने की बात कही जा रही है। बता दें कि जेपी इंफ्राटेक कंपनी का अधिग्रहण करने वाली सुरक्षा रियल्टी लि. ने यमुना अथॉरिटी से टोल वसूलने की अवधि को बढ़ाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि आने वाली बैठक में यमुना प्राधिकरण इस प्रस्ताव पर विचार कर सकती है।
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JP इंफ्राटेक का अधिग्रहण सुरक्षा रियल्टी लि. ने किया
ग्रेटर नोएडा में 165 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेस का संचालन कर रही जेपी इंफ्राटेक कंपनी का अधिग्रहण सुरक्षा रियल्टी लि. ने कर लिया है। यमुना अथॉरिटी की ओर से जेपी इंफ्राटेक को 36 साल टोल वसूलने का अधिकार दिया गया है। वहीं, सुरक्षा रियल्टी ने जेपी इंफ्राटेक कंपनी के एक्सप्रेसवे के रखरखाव, जेपी इंफ्राटेक की अवासीय योजना और अतिरिक्त देनदारी के कारण वसूली के लिए विस्तार करने की बात कही है और अतिरिक्त एरिया रेश्यो की भी मांग की है।
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प्राधिकरण ने पहले लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखा
यमुना अथॉरिटी के किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए एनसीएलटी ने मना कर दिया था, जिसके बाद प्राधिकरण ने इसके खिलाफ ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की। अथॉरिटी और एफएआर की बैठक में अन्य बिंदुओं को छोड़कर दो पॉइंट पर बात बन गई। यमुना एक्सप्रेसवे पर प्राधिकरण को लोगों की सुरक्षा और सफर को अच्छा बनाने के लिए हर स्तर पर कोशिश कर रहा है। लेकिन पिछले दस सालों में टोल चोरी करने के मामले में बढ़ोतरी हुई है और सुरक्षा कवच भी पूरी तरह टूट गए हैं।
अपराधियों का गढ़ बना यमुना एक्सप्रेसवे
यमुना एक्सप्रेसवे पर 80 किलोमीटर के दायरे में कहीं भी कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा हुआ है, इस पुल की लंबाई करीब 165 किलोमीटर की है। वहीं, इमरजेंसी सूचना देने के लिए भी कोई पैनिक बटन तक नहीं है। कोई बदमाश अगर वाहन चलाने वाले का मोबाइल छीनकर ले जाए वो अपनी आपबीती भी किसी को नहीं बता सकता है और न ही किसी से मदद मांग सकता है। इसलिए एक्सप्रेसवे अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है।