Greater Noida West: जेल में अंडर ट्रायल महिलाओं के बच्चों की जिंदगी बदलेगा ‘नेकी का डब्बा’, फ्री में राहत सामग्री समेत दी ये सुविधा

Greater Noida West

Greater Noida West: जेल में रहने को मजबूर अंडर ट्रायल महिलाओं और उनके साथ रहने को मजबूर उनके मासूम बच्चों की जिंदगी अब शिक्षा के माध्यम से बदलेगा नेकी का डब्बा फाउंडेशन। नेकी का डब्बा फाऊंडेशन ज़रूरतमंद की जरुरत को पूरा करने में हमेशा नए-नए प्रयोग करती रहती है।

Neki ka Dabbda Foundation
Neki ka Dabbda Foundation

अंडर ट्रायल महिलाओं और बच्चों को दी गई राहत सामग्री

फाऊंडेशन के संयोजक गिरिश चन्द्र शुक्ला ने बताया की कासना जेल सुपरीटेंडेंट अरुण प्रताप सिंह एवं जेलर जेपी तिवारी की उपस्थिति में आज जेल परिसर में रह रहे अंडर ट्रायल महिलाओं और बच्चों को जरूरी राहत सामाग्री जैसेनारी के स्वाभिमान हेतु सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन एवम् सेनेटरी नैपकिन इंसीनरेटर और कुल 75 नई साड़ियां, सलवार सूट, बच्चो के कपडें खिलौने, दूध पाउडर, बिस्किट, नमकीन, कुकीज़, नई चप्पलें, पेन/पेंसिल, कॉपियां, किताबें, छाता, टॉर्च, बेबी स्ट्रॉलर, इत्यादि और नवजात बच्चों के लिए बिछावन इत्यादि दिया गया।

छह साल तक का बच्चा महिला के साथ बैरक में रह सकता है

जेल हेड वार्डर पंकज मिश्रा और महिला बैरक जेल हेड वार्डर सुधा प्रकाश ने बताया की अगर महिला कैदी का बच्चा छह साल या इससे कम उम्र का है तो वो उस बच्चे को कानूनन अपने साथ जेल में रख सकती है। जेल हेड वार्डर नरेंद्र गंगवार और विष्णु स्वरूप ने जानकारी देते हुए कहा कि ऐसी महिला अपराधियों के लिए ‘मदर सेल’ का प्रावधान है जिसमें वो अपने बच्चे के साथ रह सकती हैं।

जीवन में परेशानियों का अंत नहीं है

नेकी का डब्बा का मुहिम “नेकी का दोना पत्तल” की संयोजक पूजा ठेनुआ, उर्वशी, पूजा शुक्ला और संगीता ने बताया की जेल में सज़ा काट रही महिला क़ैदियों के वो बच्चे जिन्हें मां से अलग कर बाहर अपने बलबूते जीने के लिए छोड़ दिया जाता है, उनके लिए जीवन में परेशानियों का कोई अंत नहीं होता और जो बच्चे महिला कैदी के साथ जेल में हैं वो दोषी नहीं हैं, बल्कि निरपराध ही सज़ा भुगत रही हैं।

नेकी का डब्बा हमेशा कुछ क्रिएटिव करता है

स्वाति, कमल किशोर, रजनीश मिश्रा और अश्वनी ने आज के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि जेल में महिला क़ैदियों के बच्चे जो अपराधी नहीं हैं, लेकिन निरपराध ही सज़ा भुगत रहे हैं, अब नेकी का डब्बा फाउन्डेशन हमेशा कुछ न कुछ नए प्रयास करती रहेगी। योग गुरु ब्रिजेश शुक्ला ने बंदी महिलाओं को योग कराया और बताया की योग शरीर को रोग मुक्त ही नहीं करता है बल्कि मानसिक और बौद्धिक स्तर पर मानव को शांत, सशक्त, ओजस्वी व यशस्वी बनाता है।

एडवोकेट ने महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी 

जरुरतमंद कैदी के केश पर फ्री कंसल्टेंसी देने और उनकी काउंसलिंग के उद्देश्य नेकी का डब्बा के साथ जुड़ी एडवोकेट एवम् काउंसलर कविता नागर ने महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी दी और जरूरतमंद के केस पर निःशुल्क कंसल्टेंसी देने की पेशकश की। अविनाश चंद्रा ने बताया कि गुजरात के बड़े व्यापारी अशोक खेतान साहब ने नेकी का डब्बा फाऊंडेशन को 75 नई साड़ियों की सौगात उन अंडर ट्रायल कैदी महिलाओं के लिए अर्पित की थी। जब तक अपराध साबित न हो कोई भी अंडर ट्रायल कैदी अपराधी नहीं होता। अतः उनकी सेवा भी मानवता की ही सेवा है।