तुर्कीये के इस्तांबुल में धमाका, 6 की मौत, महिला ने दिया धमाके को अंजाम

इस्तांबुल में आत्मघाती हमले में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले के पीछ कुर्दों का हाथ है।

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तुर्कीये में आतंकी हमला

तुर्कीये (पुराना नाम तुर्की) के इस्तांबुल में पर्यटकों से भरी रहने वाली इस्तिकलाल स्ट्रीट में 13 नवंबर को हुए बम ब्लास्ट में 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं 81 लोग घायल बताए जा रहे हैं। एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन पुलिस ने ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। अल जजीरा ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि हमले में 3 लोग शामिल थे। इनमें से एक महिला और दो पुरुष थे। यह बेहद भीड़भाड़ वाला इलाका है। धमाके के बाद इस इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है। बता दें कि सात साल पहले भी इसी इलाके में सीरियल ब्लास्ट हुए थे जिनमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ग्रुप ने ली थी।

धमाका रविवार शाम करीब 4 बजकर 15 मिनट पर भीड़ वाली जगह हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक – एक महिला करीब 40 मिनट तक एक बेंच पर बैठी रही। इसके बाद वो वहां एक बैग छोड़कर निकल गई। कुछ ही मिनट के बाद धमाका हुआ। माना जा रहा है कि इसी बैग में बम था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले के पीछे कुर्दों का हाथ हो सकता है। तुर्की और कुर्द लड़ाकों के बीच रंजिश नई नहीं है। यह दुश्मनी 100 साल से ज्यादा पुरानी है। बताया यह भी जा रहा है कि इस हमले के पीछे आतंकी संगठन तास्किम का हाथ हो सकता है। यह गुट भी तुर्की से अलग होने की मांग करता रहता है। आपको बता दें कि कुर्द मिडल ईस्ट में फैले हुए हैं। यह विश्व का सबसे बड़ा ऐसा समूह है जिनका कोई देश नहीं है। ईराक, सीरिया और तुर्की में कुर्द रहते हैं। बताया जाता है कि इनकी आबादी 3.5 करोड़ के आसपास है। पहले विश्वयुद्ध के बाद जब ऑटोमन साम्राज्य बिखऱ गया तो कुर्दों को अलग देश का वादा किया गया था। हालांकि यह समझौता जल्द ही रद्द कर दिया गया। इसके बाद से ही कुर्द अपने अलग देश के लिए संघर्ष कर रहे हैं।