प्रयागराज में चार दिनों से चल रहा आरएसएस का महामंथन खत्म हो गया है और इस महा-मंथन के खत्म होने के साथ ही एक प्रेस कांफ्रेस आयोजित की गई. इस प्रेस कांफ्रेस में आरएसएस ने कई अहम बातों को सामने रखा. सबसे मुख्य मुद्दा जो निकलकर आया वह ये था कि देश में जनसंख्या पर एक नीति या नियम बनना चाहिए. जो सभी लोगों पर एक सामान लागू होना चाहिए. हालांकि इस बात को संघ प्रमुख मोहन भागवत दशहरे के अपने भाषण में इशारा कर चुके थे.
वहीं इस प्रेस कांफ्रेंस में उसी बयान का हवाला देते हुए कई बड़ी अहम बातें कहीं. उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या 2.2 से घटकर 1.9 हो चुकी है. जबकि 2.1 जनसंख्या रहनी चाहिए. आपको बता दें की इन जनसंख्या के आंकड़ों में सबसे बड़ी बात ये है कि हिंदूओं की जनसंख्य लगातार घटती जा रही है.
धर्मांतरण कानून बनाने को लेकर कहीं बड़ी बात
उन्होंने आगे कहा कि धर्मांतरण ही सबसे बड़ी वजह है जो हिंदूओं की जनसंख्या घटती जा रही है और साथ-साथ जिस तरह से बांगलादेशी घुटपेठ देश में बढ़ा है ये भी जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ने का काम किया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बिहार के कुछ इलाके पश्चिम बंगाल में जिस तरह से बांगला देशी घुटपेठ हुआ उस वजह से भी जनसंख्या काफी ज्यादा गड़बड़ा गई. इसके अलावा उन्होंने कहा कि धर्मांतरण करने वालों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. इस प्रेस कांफ्रेस में संघ ने मांग की है कि देश में एक धर्मांतरण कानून बनाना चाहिए जिससे हिंदूओं की घटती जनसंख्या को रोका जा सकें.