आप उसे सनकी कहें, उसे गुंडा कहें, उसे क्रिमिनल कहें, गैंगस्टर कहें या फिर शार्प शूटर. अपराध के जितने भी अलंकार दिए जा सकते हैं वो आप इस अपराधी को दे सकते है, क्योंकि ये एक ऐसा अपराधी है जो इन शब्दों का बुरा नहीं मानता बल्कि खुश होता है. ये अपराधी डंके की चोट पर कहता है कि हां उसे पश्चिमि उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा गुंडा बनना है. वो पुलिस को खुले आम चुनौती देता है. वो खुलेआम पुलिस इंस्पेक्टर पर गोली चला देता है.
बिल्लू सांडा ने जब रखा कानून की दुनिया में कदम
नदीम उर्फ बिल्लू सांडा पश्चिमि उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखता है। उसका अंदाज मजाकिया है लेकिन वो अंदर से खूंखार और शैतान है. कहा जाता है कि संजय दत्त की खलनायक फिल्म देखने के बाद उसने खलनायक बनने का फैसला लिया था. इस फिल्म को देखने के बाद ही उसपर मर्डर करने का भूत सवार हुआ. वो अपने नाम का सिक्का दहशत की वजह से कायम करना चाहता था.
संजय दत्त की तरह खलनायक बनने की चाह में उसने एक दिन मर्डर, अपहरण और लूटपाट करना शुरू कर दिया. संजय दत्त रील लाइफ के खलनायक है लेकिन बिल्लू सांडा रीयल लाइफ का खलनायक बनना चाहता था. बिल्लू सांडा ने इतनी बार खलनायक फिल्म देख ली है कि उसे इस फिल्म का एक-एक डॉयलॉग याद है जिन्हे वो बार-बार दोहराता है. बिल्लू सांडा उर्फ नदीम पर 16 संगीन मामले दर्ज हैं. उसपर मर्डर, लूट, फिरौती के लिए हत्या जैसे आरोप हैं. अपराध के लिए पूरी ट्रेनिंग उसे घर से ही मिली हुई है.
बिल्लू सांडा पहले सहारनपुर में छोटी मोटे क्राइम किया करता था. तब उसे पुलिस ज्यादा अहमियत नहीं देती थी. उसके बाद उसने 2008 में कुछ ऐसा करने का सोचा जिससे उसका नाम अखबारों के फ्रंट पेज पर छप जाए. 2008 में सबसे पहले सुपारी लेकर पूचा उर्फ चवन्नी किन्नर को जान से मारने की धमकी दी थी लेकिन वो नाकाम रहा. उसके बाद फरवरी 2015 में बिल्लू ने पहला मर्डर किया था. उसने आलम चौकीदार को मौत की नींद सुला दिया और उसके बदले उसे 6 लाख रूपये मिले. पहली हत्या करने के सिर्फ 4 महीनों के अंदर ही उसने दूसरी हत्या कर दी. 14 मई 2015 को उसने मंसूर कॉलोनी में रहने वाले इश्तिकार का मर्डर कर दिया. मर्डर करने की उसकी भूख बढ़ती गई और दूसरा मर्डर करने के एक महीने के बाद ही उसने तीसरा मर्डर कर दिया. इस बार अपने घर से कुछ ही दूर पर रहने वाले अमजद की हत्या कर दी. लेकिन इस बार वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
बिल्लू सांडा को क्राइम जैसे विरासत में मिला था. क्योंकि बिल्लू के पिता भी बहुत बड़े क्रिमिनल हुआ करते थे. कहा जाता है कि बिल्लू ने जब अहमद की हत्या की तो उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और 17 महीनों तक जेल में रखा लेकिन जब उसकी बेल नहीं हुई तो वो जेल तोड़कर भाग गया. एक दिन पुलिस उसे पुलिस वैन में लेकर जा रही थी। उसी वक्त वो अपने 6 साथियों के साथ फरार हो गया था. बिल्लू के फरार होते ही पुलिस ने उसके ऊपर 12 हजार रूपये का ईनाम घोषित कर दिया.
इसके बाद उसने एक व्यापारी से फिरौती मांग ली और 4 जनवरी 2017 को पुलिस को एक सूचना मिली और पुलिस ने नदीम उर्फ बिल्लू सांडा की गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी कर ली. बिल्लू सांडा उस वक्त 20 लाख की एक फिरौती लेने गया था जहां एक जबरदस्त एंकांउटर हुआ और बिल्लू सांडा के पैर में गोली लगी और वो गिरफ्तार हो गया. बिल्लू सांडा की सबसे बड़ी बात ये है कि वो बोलता है कि वो जेल तोड़कर भाग जाएगा तो वो भाग भी जाता है. जिस वजह से अब उसे CCTV की निगरानी में रखा गया है. जहां वो 24 घंटे क्या करता है सबकुछ कैमरे की कैद में रहता है.