उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक चर्चा बहुत तेज हो चुकी है. चर्चा है रीशि सुनक जो कथित तौर पर भारतीय मूल के है और उन्हें ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना दिया गया है. यूपी में अलग किस्म की चर्चा शुरू हो गई है. चर्चा है की भारत में पीएम कौन बनना चाहिए. कोई कह रहा है कि किसी अल्पसंख्यक को बनाओ, फिर अल्पसंख्यक के अलग-अलग मायने निकाले जाते है. कोई कहता है कि किसी मुस्लिम चेहरे को पीएम बनाया जाए. लेकिन अब एक नई बात सुनने को मिल रही है कि किसी दलित चेहरे को पीएम बनाया जाए.
अगले प्रधानमंत्री चेहरे के लिए मायावती ने लगाई ट्वीट की लड़ी..
दरअसल अभी तक समाजवादी पार्टी के सांसद अल्पसंख्यक पीएम को लेकर बाते कर रहे थे लेकिन अब खुद मोर्चा संभाला है बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने. मायावती ने हाल ही में एक के बाद एक तीन ट्वीट किए और उन ट्वीट के माध्यम से जो मायने निकाले है वो है कि प्रधानमंत्री के पद पर दलित चेहरे पर उतारा जाए.
मायावती ने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि भारतीय मूल के श्री ऋषि सुनक के अन्ततः ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने पर यहाँ कांग्रेस व बीजेपी में ट्विटर वॉर, आरोप-प्रत्यारोप व इधर-उधर की बात जारी है, किन्तु उस राजनीतिक हक व इंसाफ की बातें नहीं की जा रही हैं जिस कारण देश में अभी तक कोई दलित पीएम नहीं बन पाया है।
1. भारतीय मूल के श्री ऋषि सुनक के अन्ततः ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचने पर यहाँ कांग्रेस व बीेजेपी में ट्विटर वॉर, आरोप-प्रत्यारोप व इधर-उधर की बात जारी है, किन्तु उस राजनीतिक हक व इंसाफ की बातें नहीं की जा रही हैं जिस कारण देश में अभी तक कोई दलित पीएम नहीं बन पाया है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) October 27, 2022
मायावती ने आगे कहा कि ऐसे समय जब अमेरिका व यूरोप के अमीर व विकसित देश जबर्दस्त संकटों के बुरे दौर से जुझ रहे हैं तथा स्थिति को संभालने के लिए नित्य नए प्रयोग कर रहे हैं, भारतीय हुक्मरानों को भी देशहित व यहाँ की जनता के भविष्य के लिए अपनी संकीर्ण एवं जातिवादी सोच को त्यागना ही होगा.
2. ऐसे समय जब अमेरिका व यूरोप के अमीर व विकसित देश जबर्दस्त संकटों के बुरे दौर से जुझ रहे हैं तथा स्थिति को संभालने के लिए नित्य नए प्रयोग कर रहे हैं, भारतीय हुक्मरानों को भी देशहित व यहाँ की जनता के भविष्य के लिए अपनी संकीर्ण एवं जातिवादी सोच को त्यागना ही होगा। 2/3
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बसपा सुप्रीमो यही नहीं रूकी उन्होंने आगे कहा कि इसी क्रम में यह जाँच/परख जरूरी है कि दलित, पिछड़े व उपेक्षितों का सच्चा हितैषी कौन? क्या परमपूज्य बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर को भुलाकर उनके करोड़ों अनुयाइयों का कोई असली हितैषी हो सकता है, जैसाकि श्री खड़गे सहित अन्य विरोधी नेतागण उनकी पार्टी की संकीर्ण सोच से मजबूर हैं।
इतना ही नहीं एक किस्म से लगातार बीएसपी ट्वीटर पर पूरी तरह से सक्रिय है. इससे पहले जब सीएम केजरीवाल ने नोटों पर मां लक्ष्मी की तस्वीर लगाने के बयान पर बीएसपी नेता आकाश आनंद ने बाबा साहब अंबेडकर के फोटो लगाने की बात कही थी.
3. इसी क्रम में यह जाँच/परख जरूरी है कि दलित, पिछड़े व उपेक्षितों का सच्चा हितैषी कौन? क्या परमपूज्य बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर को भुलाकर उनके करोड़ों अनुयाइयों का कोई असली हितैषी हो सकता है, जैसाकि श्री खड़गे सहित अन्य विरोधी नेतागण उनकी पार्टी की संकीर्ण सोच से मजबूर हैं।3/3
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