एस जयशंकर , पीएम मोदी के बेहतरीन नौ रत्नों में से एक हैं। पिछले कुछ वर्षों से एस जयशंकर दुनिया भर में भारत के ब्रैंड अम्बेसडर के रूप में उभर के आये हैं। ब्यूरोक्रेसी और कूटनीति की गहन समझ रखने वाले विदेश मंत्री एस जय शंकर अमेरिका तक के भारत विरोधी प्रोपगंडा को उन्ही के मंच से ध्वस्त कर देते हैं। जब पाकिस्तान को अमेरिका ने F16 के नाम पर मदद की , तो जयशंकर ने अमेरिका को खरी खोटी सुना दी। एस जयशंकर ने इस बार चीन को आडें हाथ लिया है।
हाल ही में एस जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान , दोनों देशों को जमकर लताड़ लगाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने SCO की बैठक के दौरान चीन को जमकर फटकार लगाई । यह मीटिंग चीन की तरफ़ से ही आयोजित की गई थी जहां एस जयशंकर ने इस मौके का फायदा उठाते हुए भारत के हित में जबरदस्त तरीके से अपनी बात रखी। विदेश मंत्री ने बैठक में चीन, पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के बहाने चीन पर हमला बोला और जब वो ऐसे कर रहे थे तब इस कार्यक्रम में चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग भी मौजूद थी। उन्होंने कहा चीन को भारत और बाकी देशों के अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। यहां पर जयशंकर ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के फेवरिट बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) का नाम तो नहीं लिया लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा इसी तरफ था।
जिस समय जयशंकर चीन को फटकार लगा रहे थे, उस समय पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भी वहीं मौजूद थे। भारत,सीपीईसी के तहत बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) का विरोध करता आया है क्योंकि यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। भारत मानता है कि सीपीईसी और बीआरआई दोनों ही उसकी संप्रभुता के खिलाफ हैं। एससीओ में शामिल कजाखस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों ने बीआरआई को अपना समर्थन दिया है। लेकिन भारत इन देशों से अलग राय रखता है। और भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा लिए चीन से टक्कर लेने के लिए तैयार है।एस जयशंकर दुनिया के हर मंच से स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत अपनी सम्प्रभुता से कभी समझौता नहीं करेगा।