मप्र विधानसभा चुनाव से पहले टेंशन में बीजेपी, आंदोलन पर उतरे किसान

    विधानसभा का 7 दिन का विशेष सत्र बुलाए जाने समेत कुल 18 सूत्रीय मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को राजधानी में बड़ा प्रदर्शन किया। तीन घंटे तक किसान नेताओं ने सरकार को खूब घेरा। आखिर सीएम शिवराज को किसानों के इस मंच पर पहुंचना पड़ा।

    pic credit – google

     

     

    किसान आंदोलन के मंच पर सीएम

    विधानसभा का 7 दिन का विशेष सत्र बुलाए जाने समेत कुल 18 सूत्रीय मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को राजधानी में बड़ा प्रदर्शन किया। तीन घंटे तक किसान नेताओं ने सरकार को खूब घेरा। आखिर सीएम शिवराज को किसानों के इस मंच पर पहुंचना पड़ा। उन्होंने मंच से ही कई मांगें मान ली। कुछ मांगें अधूरी है। इनमें विधानसभा सत्र, भावांतर योजना आदि शामिल हैं। इसे लेकर किसान आगे भी आंदोलन कर सकते हैं।

    दरअसल, पिछले एक साल से किसान कई मुद्दों पर लड़ रहे हैं। सबसे खास लहसुन और प्याज के रेट को लेकर। धार, उज्जैन, शाजापुर, आगर समेत कई जिलों में लहसुन के रेट इतने गिर गए कि लागत भी नहीं निकल पाई। 5 रुपए किलो से भी कम रेट मिले। प्याज को लेकर भी यही हुआ। इस दौर से जैसे-तैसे किसान निकले तो तेज बारिश से फसलें बर्बाद हो गईं।

    इन दोनों समस्याओं से जुझने के बाद किसानों ने गेहूं-चने की बुआई तो कर ली, लेकिन अब उनके सामने खाद का बड़ा संकट खड़ा हो चुका है। राजगढ़, रतलाम और शाजापुर में सुबह से शाम तक लाइन में लगने के बावजूद किसानों को दो बोरी खाद नसीब नहीं हो रहा है। दूसरी ओर, सरकार दावे कर रही है कि खाद की कहीं कोई परेशानी नहीं है। बस यही बात किसानों के मन में घर कर रही है। आंदोलन में इस मुद्दे पर सरकार को किसान नेताओं ने जमकर घेरा।