मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक स्वभाव के कारण यें पल अखिलेश यादव को पड़े थे भारी ?

    सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव राजनीति का ऐसा नाम है जिसने स्कूल के अध्यापक से लेकर सूबे के मुख्यमंत्री और देश के रक्षामंत्री तक सफर पूरा किया लेकिन इस राजनीतिक सफर में कुछ पल ऐसे भी रहे जिसकी चर्चा हमेशा ही की जाती रहेगी.

    जब मंच से पूछा कि अखिलेश कब बनेंगे मुख्यमंत्री 

    2012 में सपा को पूर्ण बहुमत मिला तो इस वक्त मुलायम सिंह यादव ने अपने परिवारजनों के के साथ बैठकर मुख्यमंत्री की शपथ के लिए पंडित से समय पूछा लेकिन उसी वक्त सभी को चौकाते हुए पंडित से कहते है कि बेटा अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के योग और समय को भी देख लीजिए. ये बात सुनते ही सपा के कद्दावर नेताओं के बीच चर्चा तेज हो जाती है, कि क्या मुलायम सिंह यादव अपने पुत्र मोह में है. पिता-पुत्र के रिश्ते के अलावा मुलायम सिंह का अखिलेश के साथ एक और रिश्ता रहा और वो था राजनीति का. वहीं राजनीति गुरू जो अखिलेश की शादी के बाद फोन करके कहते है कि सैफई वापस आ जाओ क्योकि तुमको लोकसभा का चुनाव लड़ना है. वहीं गुरू तो आखिर गुरू होता है जहां प्यार दिखाता है तो वहीं फटकार भी होती है.

    मुलायम सिंह ने अखिलेश को लगाई थी फटकार 

    मुलायम सिंह यादव तो अपने राजनीतिक स्वभाव के लिए अलग से जाने जाते थे. ऐसा ही कुछ देखने को मिला था 2015 में जब मैनपुरी में सैनिक स्कूल के शिलन्यास में पहुंचे थे लेकिन शिलन्यास की बात पर मंच पर ही बिफर गए थे. मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव उन्होंने बुलाकर कहा कि हम सैनिक स्कूल के शिलन्यास के पक्ष में ही नहीं थे. मैंने कह दिया था कि हम केवल उद्घाटन के पक्ष में थे. इसलिए अब मुख्यमंत्री बताए की उद्घाटन कब होगा. भले ही मुलायम सिंह यादव अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन अखिलेश यादव से उनके राजनीतिक गुरू और एक पिता के रिश्तों की चर्चा हमेशा की जाती रहेगी.