भारत जोड़ो यात्रा में आपको कई बार राहुल गांधी आम लोगों से मिलते दिख रहे हैं। कभी वे किसी बच्चे के साथ होते हैं, कभी किसी स्टूडेंट के साथ, तो कभी सफाईकर्मी के साथ। दरअसल, यात्रा में जो दिख रहा है, वैसा सब कुछ इतना ईजी नहीं है। जैसा दिखता है, वैसा होता बिल्कुल नहीं है। राहुल अचानक किसी से नहीं मिलते और न ही रास्ते में खड़े किसी व्यक्ति को मिलने बुलाते हैं।
राहुल के साथ चलना आसान नहीं
भारत जोड़ो यात्रा में आपको कई बार राहुल गांधी आम लोगों से मिलते दिख रहे हैं। कभी वे किसी बच्चे के साथ होते हैं, कभी किसी स्टूडेंट के साथ, तो कभी सफाईकर्मी के साथ। दरअसल, यात्रा में जो दिख रहा है, वैसा सब कुछ इतना ईजी नहीं है। जैसा दिखता है, वैसा होता बिल्कुल नहीं है। राहुल अचानक किसी से नहीं मिलते और न ही रास्ते में खड़े किसी व्यक्ति को मिलने बुलाते हैं। यात्रा के दौरान कौन, कब मिलेगा, कैसे मिलेगा और कहां खड़ा होगा? ये सब पहले से तय होता है। मिलने वालों की पूरी जांच होती है। यह सब तय करती है राहुल गांधी की मैनेजमेंट टीम। राहुल से मिलने वाले व्यक्ति एक दिन पहले ही तय हो जाते हैं।
राहुल के नजदीक पहुंचने के लिए हर किसी को सुरक्षा जांच से होकर गुजरना पड़ता है। राहुल की सुरक्षा में लगे CRPF के जवान मिलने वाले से उसके मोबाइल फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ले लेते हैं। यहां तक कि राहुल के साथ कोई सेल्फी भी नहीं ले सकता। राहुल के साथ फोटो भी उनकी टीम ही शूट करती है। फिर राहुल उन्हें एक स्कैनर प्रिंट देते हैं, ताकि वे राहुल के साथ ली गई फोटो उसमें से अपलोड कर सकें। अब तक की 83 दिन की यात्रा में डिवाइस साथ ले जाने की परमिशन कुछ चुनिंदा सोशल मीडिया हैंडलर को मिली है।